तेज रफ्तार ट्रेन गुजरती, तो बड़ा हादसा होता

 चित्रकूट/झांसी (संवाद सूत्र)। मानिकपुर-सतना रूट के पिपरीकला से कुंदहारी के बीच रविवार की रात बड़ी ट्रेन दुर्घटना से चालक ने बचा लिया। ट्रेन को रोकने पर देखा, तो रेलवे पटरी के 37 कंक्रीट स्लीपर अनलॉक व पटरियों से 158 चाभियां गायब मिलीं। चालक ने सूचना तत्काल कंट्रोल रूम को सूचना दी। इस मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। इससे स्पष्ट होता है कि सैंकड़ों यात्रियों से भरी महाकौशल एक्सप्रेस को दुर्घटनाग्रस्त कराने की साजिश थी, रेलवे कर रहा है जांच।

दरअसल, रविवार रात जबलपुर से दिल्ली जा रही महाकौशल एक्सप्रेस पश्चिम मध्य रेलवे के मुंबई-हावड़ा रेल ट्रैक पर सतना-ऊंचहेरा स्टेशन के बीच गुजर रही थी उस दौरान गाड़ी से कुछ टकरा जाने की आवाज सुनाई दी। इस पर चालक ने सतर्कता से ट्रेन को रोक दिया। जांच पड़ताल करने पर लाइन के 37 कंक्रीट स्लीपर अनलॉक मिले। पटरियों से 158 चाभियां निकली थी। इसकी सूचना चालक ने तत्काल कंट्रोल रूम को दिया। इससे अफरातफरी मच गई।

उचेहरा-लगरगवां स्टेशन के बीच के लगभग 100 मीटर लंबे रेलवे ट्रैक की चाबियां खोल दी थीं। इस ट्रैक से महाकौशल एक्सप्रेस 110 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से गुजर गई। ट्रेन में डेढ़ हजार से अधिक यात्री सवार थे। उनकी किस्मत अच्छी थी कि ट्रेन पटरी से नहीं उतरी। घटना रविवार रात लगभग 10.48 की बताई जा रही है। 100 मीटर लंबे रेलवे ट्रैक पर लगभग 600 चाबियां होती हैं, जिसमें से 158 चाबी खोल दी गई थीं। इन्हें लगातार नहीं खोला, बल्कि बीच-बीच की चाबियों को खोलकर अलग किया गया था। अधिकांश चाबी रेलवे ट्रैक के आसपास मिलीं, जिससे चोरी से ज्यादा ट्रेन को दुर्घटनाग्रस्त करने की संभावना बताई गई है।

इधर खबर लगते ही सतना और मैहर से इंजीनियरिंग और आरपीएफ के अधिकारी-जवान मौके पर पहुंच गए। जांच के दौरान देखा कि 100 मीटर लंबी पटरियों में से 158 चाबियां गायब हैं। इन चाबियों में से कुछ पटरियों के किनारे पड़ी मिलीं तो कुछ गायब थीं। तत्काल ट्रेनों की आवाजाही को रोका गया और फिर सतना से चाबियां लाकर रेलवे ट्रैक को लाक किया गया।

रेलवे ट्रैक पर मिली साइकिल व औजार
घटना की गंभीरता को देखते हुए पश्चिम मध्य रेलवे आरपीएफ के आइजी पीके गुप्ता, जबलपुर रेल मंडल के सीनियर डीएससी अरुण त्रिपाठी के साथ रीवा से पुलिस विभाग के एडीजी वेंकटेश्वर समेत पुलिस के आला अधिकारी मौक पर पहुंचे। स्थानीय पुलिस ने तत्काल मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी। इस दौरान रेलवे ट्रैक पर दो साइकिल और कुछ औजार भी मिले। वहीं दो से तीन संदिग्ध लोगों के रेलवे ट्रैक के आसपास होने की जानकारी लगते ही आरपीएफ के साथ स्थानीय पुलिस के अधिकारियों ने छानबीन शुरू कर दी। इस घटना के बाद से जबलपुर रेल मंडल समेत प्रयागराज रेल मंडल, झांसी रेल मंडल में अलर्ट जारी कर दिया गया है।

फिलहाल आरोपियों को पकड़ने के लिए आरपीएफ के चार इंस्पेक्टर की टीम बनाई गई। इसमें दो दर्जन से ज्यादा जवान शामिल है। मामले में साइबर सेल को भी सक्रिय किया गया है। उधर, वरिष्ठ खंड अभियंता वरुण शुक्ला की शिकायत पर ऊंचेहरा थाने में रेलवे एक्ट के तहत अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

तेज रफ्तार ट्रेन गुजर रही होती, तो बड़ा हादसा होता
बताया गया है कि एक किमी तक पटरियों से स्लीपर से चाभियां निकाल पटरियों से छेड़छाड़ की गई। इस दौरान यदि तेज रफ्तार ट्रेन गुजरती, तो बड़ा हादसा हो सकता था। हावड़ा-मुंबई रेल ट्रैक बहुत व्यस्त होने के कारण इस ट्रैक पर दिन-रात मेल और सुपर फास्ट गाड़ियों की आवाजाही होती रहती है। चालक की सतर्कता से रेलवे के दुर्घटना के इतिहास में एक और पन्ना जुड़ने से बच गया।