हत्यारोपियों ने खाली प्लाट की खुदाई कर दफ्न शव को बरामद कराया 

झांसी। टैक्सी चालक संतोष को उम्मीद नहीं थी कि विवाहिता से अवैध संबंधों की परिणति मौत होगी। उसे पकड़ कर निर्ममता से जीजा, साले, ससुर ने हत्या कर दी और लाश को खाली प्लाट में दफन कर साक्ष्य मिटा दिया, किंतु कॉल डिटेल से खुलासा हो गया। हत्यारोपियों ने स्वयं खुदाई कर दफ्न लाश को बाहर निकाला तो लोग हक्के-बक्के रह गए। निकला शव ताज कम्पाउन्ड नंदनपुरा निवासी संतोष उर्फ गोलू श्रीवास का था जो 30 जून से गायब था।

दरअसल, झांसी के थाना सीपरी बाजार क्षेत्र अंतर्गत ताज कम्पाउन्ड नंदनपुरा निवासी संतोष उर्फ गोलू श्रीवास 30 जून को गाड़ी लेकर कानपुर जाने की कह कर निकला था, फिर लौट कर नहीं आया और न ही उससे सम्पर्क ही हो पाया। 2 जुलाई तक जब वह नहीं लौटा तो उसकी तलाश शुरू की गई। पुलिस भी जांच पड़ताल में जुट गई। संतोष की पत्नी के द्वारा पुलिस को बताया गया कि उरई से एक महिला का कॉल संतोष के मोबाइल पर आता था, पुलिस ने संतोष के मोबाइल की डिटेल निकाली तब घटना के तार उरई और बाद में झांसी के मयंक, रामस्वरूप से जुड़े।

इधर, 3 जुलाई को उसके रिश्तेदार रामकुमार ने उसके परिजनों को बताया की उनके उरई के रामनगर निवासी रिश्तेदार ने बताया की संतोष हमारे मोहल्ले में किसी औरत से मिलने घर में आया था। औरत के पति अवधेश और उसके जीजा, दीपक, रामस्वरूप, मयंक ने संतोष की मारपीट कर दी और सफेद रंग की गाड़ी में डालकर ले गए। मयंक उस महिला का भाई है जो संतोष की प्रेमिका थी और उरई में रहती थी, संतोष 30 जून को उरई अपनी प्रेमिका से मिलने गया था। पूछताछ में पता चला कि प्रेमिका के पति अवधेश ने संतोष को पकड़ लिया, अवधेश ने अपने साले मयंक और ससुर रामस्वरूप को सूचना दी, कार से 1 जुलाई को संतोष को झांसी लाया गया। पिछोर के मयंक और रामस्वरूप वाले मकान में संतोष का मर्डर किया गया और सामने खाली पड़े प्लॉट में गड्ढा खोदकर संतोष को दफन कर दिया गया। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 323,  342, 302, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया।

पुलिस ने खोजबीन शुरू करते हुए पकड़े गए आरोपियों की निशानदेही पर मृतक संतोष के शव को पिछोर स्थित आरोपियों के घर के सामने बने खाली प्लाट की खुदाई कर बरामद कर लिया है। इस कांड की पृष्ठभूमि में बताया गया है कि सीपरी बाजार के संतोष उर्फ गोलू पुत्र जयराम के प्रेम संबंध पड़ोस में रहने वाली एक युवती से था । 3 साल पहले युवती की शादी उरई निवासी अवधेश कुमार पुत्र रामस्वरूप के साथ हो गई। शादी के बाद युवती अपनी ससुराल में जाकर रहने लगी। इस दौरान भी गोलू और युवती के प्रेम संबंध बने रहे। गोलू हर हफ्ते अपनी शादीशुदा प्रेमिका से मिलने उरई चला जाता था। इसकी भनक युवती के पति और अवधेश को लग गई। उसने यह बात युवती के भाई मयंक को बताई। इसके बाद उन दोनों ने गोलू की हत्या करने की साजिश रच डाली। 1 जुलाई को गोलू अपनी प्रेमिका से मिलने उरई पहुंचा था। यहां दोनों पहले से घात लगाकर बैठे थे। जैसे ही वह पहुंचा पकड़ लिया गया था। इसके बाद झांसी लाकर उसकी हत्या कर लाश दफ्न कर दी गई।