मुख्य ड्राइवर को जबरन हटा कर खुद चलाई एपी राजधानी एक्सप्रेस 
झांसी/आगरा। एपी राजधानी एक्सप्रेस को चीफ लोको इंसपेक्टर (सीएलआई) ने चलाकर ट्रेन में सफर कर रहे यात्रियों का जीवन संकट में डाल दिया। वह ट्रेन को फरह से आगरा केंट तक चलाकर ले गया। डीआरएम आगरा डिविजन ने जांच के आदेश दिए हैं। ट्रेन के लोको पायलट मेल एक्सप्रेस (एलपीएम) ने सीएलआई की लिखित शिकायत झांसी डिविजन के वरिष्ठ मण्डल विद्युत अभियंता (ओपी) से की है। वहीं सीएलआई ने लोको पायलट मेल (एलपीएम) पर आरोप लगाते हुए आगरा डिविजन के अधिकारियों को रिपोर्ट दी है। डीआरएम आगरा डिविजन ने प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं।

नई दिल्ली से विशाखापट्टनम को जाने वाली आंध्र प्रदेश राजधानी 7 जुलाई को नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से चली। ट्रेन को झांसी डिविजन के एलपीएम डीके कंचन चला रहे थे। उनके साथ सहायक लोको पायलट अनिल कुमार कुशवाहा थे। ट्रेन में झांसी डिविजन के गार्ड रामानन्द थे। ट्रेन के ड्राइवरों की निगरानी के लिए आगरा डिविजन के एलआई नवल किशोर भी इंजन में थे। फरह और कीथम के बीच ट्रेन के ड्राइवर को लाल सिग्नल दिखाई दिया तो उसने आपातकालीन ब्रेक लगा दिए। इसी दौरान सिग्नल पीला हो गया। आपातकालीन ब्रेक लगाए जाने की वजह से ट्रेन का प्रेशर डाउन हो गया।

झांसी डिविजन के वरिष्ठ मण्डल विद्युत अभियंता ओपी को दिए शिकायती पत्र में एलपीएम डीके कंचन ने आरोप लगाया है कि ट्रेन का प्रेशर डाउन हो जाने के बाद सीएलआई नवल किशोर ने उन्हें ड्राइवर सीट से हटा दिया और ट्रेन को खुद चलाने लगे। उन्होंने इसकी शिकायत करने के लिए बैग से मोबाइल फोन निकाला तो सीएलआई ने उनसे मोबाइल फोन छीनकर डेस्क पर रख दिया। सीएलआई आगरा कैंट तक ट्रेन को चलाकर लाए। उन्होंने ट्रेन के इंजन में लगे सीसीटीवी की रिकार्डिंग निकलवा कर पूरे मामले की जांच कराने का आग्रह अधिकारियों से किया है। इस शिकायत के बाद रेल परिचालन विभाग में अफरातफरी मच गया है। सीएलआई द्वारा चलाई गई एपी राजधानी में करीब 1800 यात्री सवार थे। ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाता तो उसका जिम्मेदार कौन होता? वहीं सीएलआई ने आगरा डिविजन के अधिकारियों को ट्रेन के ओवर फीड होने की रिपोर्ट दी है।

सीएलआई को सिर्फ निगरानी का है अधिकार

ट्रेन को ड्राइवर सही तरीके से चला रहा है या नहीं इसकी निगरानी के लिए इंजन में सीएलआई की ड्यूटी रहती है। ट्रेन चलाने के दौरान ड्राइवर द्वारा कोई गलती की जाती है, तो सीएलआई उसे अपनी नोटबुक में नोट कर इसकी रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर सकता है। रेल नियमावली के अनुसार ट्रेन चलाने का अधिकार उसे नहीं होता है।

झांसी डिविजन के ड्राइवरों में रोष
एनसीआर डिविजन के सीएलआई द्वारा जबरन ट्रेन चलाए जाने को लेकर झांसी डिविजन के ट्रेन ड्राइवरों में रोष है। सूत्रों की मानें तो झांसी डिविजन के ड्राइवर इस मामले की लिखित शिकायत वरिष्ठ रेलवे अधिकारियों से भी की है।