झांसी । दलित के साथ गाली गलौज, मारपीट कर जान से मारने की धमकी का आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश अनु.जाति और अनु. जनजाति
(अत्याचार निवारण) अधिनियम, शक्तिपुत्र तोमर की अदालत में तीन अभियुक्तों को तीन -तीन वर्ष के कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

विशेष लोक अभियोजक केशवेंद्र प्रताप सिंह एवं कपिल कारोलिया के अनुसार १७ अक्टूबर ०७ की शाम वादी अपने चबूतरे पर बैठा था तभी गांव के पन्नालाल, देशराज, सियाराम, शंकर आकर गाली देते हुए जाति सूचक शब्दों अपमानित कर लात घूसों से मारने लगे। वह चिल्लाया तो पडोस व परिवार वालो ने आकर बीच बचाव किया। जिस पर सभी हमलावर जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये।तहरीर के आधार पर थाने पर धारा ३२३, ५०४, ५०६ भा. द. सं. एवं धारा ३ (१) १० एस.सी. एस.टी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत किया गया। न्यायालय में आरोपपत्र अभियुक्तगण पत्रालाल, देशराज, सियाराम व शंकर के विरूद्ध पेश किया गया।
अभियुक्त पन्नालाल की मृत्यु हो जाने के कारण न्यायालय द्वारा मात्र अभियुक्तगण देशराज, सियाराम व शंकर के विरूद्ध ही विचारण किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्तगण देशराज, सियाराम व शंकर प्रत्येक को धारा ३२३ भा.द.सं.के अन्तर्गत एक-एक वर्ष के सश्रम कारावास व १०००-१००० रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक-एक माह के अतिरिक्त कारावास,धारा ५०४ भा.द.सं. के अन्तर्गत दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास एवं २०००-२००० रूपये के अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन तीन माह के अतिरिक्त कारावास,धारा ५०६ भा.द.सं.के अन्तर्गत दो-दो वर्ष के सश्रम कारावास व २०००-२००० रूपये के अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन तीन माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ३ (१) १०एस.सी. एस.टी एक्ट के अन्तर्गत तीन-तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं ३०००-३००० रूपये के अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर ०६-०६ माह का अतिरिक्त कारावास भुगतेगे।