झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के पर्यटन एवं होटल प्रबंधन संस्थान में पर्यटन विषय के पाठ्यक्रम को बुंदेलखंड की विविधताओं के परिदृश्य में समावेशी व प्रभावी बनाने के उद्देश्य से आईटीएचएम के निदेशक प्रो०  सुनील काबिया के अध्यक्षता में झाँसी के प्रसिद्ध समाजसेवी व वयोवृद्ध इतिहासकार मुकुंद मेहरोत्रा के उपस्थिति में बैठक आहूत की गई।

इस दौरान मुकुंद मेहरोत्रा ने बुंदेलखंड के प्राचीन इतिहास, धरोहरों व धार्मिक स्थलों के महत्व के बारे में विस्तार से चर्चा की साथ ही उन्होंने बुंदेली व्यंजनों की औषधीय गुणों व पकाने की विधियों पर पूर्णतः वैज्ञानिक दृष्टिकोण की संकल्पना के विषय में बताया। प्रो० काबिया ने कहा कि इस बैठक से निकले महत्वपूर्ण बिंदुओं को पर्यटन एवं होटल प्रबंधन के पाठ्यक्रम में सम्मिलित करने का प्रयास किया जायेगा जिससे निश्चित रूप से उक्त दोनों विषयों के छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा और बुंदेलखंड की ऐतिहासिक विरासतों, सामाजिक व बौद्धिक धरोहरों के प्रति सकारात्मक समझ ने बढ़ोत्तरी होगी। इस अवसर पर  मुकुंद मेहरोत्रा द्वारा आईटीएचएम परिसर में बादाम के पौध का वृक्षारोपण भी किया गया।

इस दौरान प्रो देवेश निगम, डॉ संजय निभोरिया, डॉ महेंद्र सिंह, डॉ सुधीर द्विवेदी, डॉ जीके श्रीनिवासन, रमेश चंद्रा, आशीष सेठ, डॉ प्रणव भार्गव, मुकुल खरे, सत्येंद्र चौधरी, मेधा जयसवाल, आयुष सक्सेना, अभिषेक जोशी, आस्था सिंह, निशांत पुरवार, राहुल द्विवेदी आदि उपस्थित रहे।