वाट्सएप ग्रुप में मृतक के मैसेज में अधिकारी से परेशान होकर आत्महत्या करने का जिक्र 

झांसी। झांसी नगर निगम में कार्यरत क्लर्क ने कथित रूप से कतिपय अधिकारी से परेशान होकर सल्फास खा कर जिंदगी को अलविदा कह दिया। मरने से पहले उसने वाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज छोड़ा है जिसमें उसने अधिकारी से परेशान होकर आत्महत्या करने का जिक्र किया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है। मामले की छानबीन की जा रही है। इस घटनाक्रम से नगर निगम में चर्चा का बाजार गर्म है, किंतु कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं है।

जिले के नवाबाद थानान्तर्गत तालपुरा निवासी लगभग 59 वर्षीय परशुराम सतोइया झांसी नगर निगम में क्लर्क के पद पर कार्यरत है। वह टैक्स विभाग में सेवा दे रहा था। परिजनों के मुताबिक काफी समय पहले उन्होंने बड़ागांव थाना अंतर्गत गढ़मऊ मौजा में खेत खरीदा था। उसी खेत में उन्होंने एक छोटा सा मकान फार्म हाउस के रुप में बनाया है। आज सुबह वह घर से अपनी एक्टिवा लेकर निकले थे। काफी देर तक जब वह घर नहीं पहुंचे तो परिजनों को चिंता हुई और उन्होंने खोजबीन शुरू कर दी, तभी उन्हें पता चला कि परशुराम ने विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप में एक मैसेज छोड़ा है, जिसमें लिखा था कि मुझे नगर निगम के अधिकारियों द्वारा बहुत परेशान करके मरने को मजबूर कर दिया है। इस के बाद खोजबीन करते हुए वह फार्म हाउस पहुंचे तो वहां उन्होंने उनका शव फार्म हाउस के अंदर पड़ा देखा। पास में ही सल्फास की डिब्बी पड़ी हुई थी। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

इस मामले में मृतक के बेटे विनय कुमार का कहना है कि एक सप्ताह पहले उसके पिता ने दुःखी होकर बताया था कि नगर निगम के बड़े अधिकारी उन्हें परेशान करते हैं जिस कारण अब वह नौकरी करना नहीं चाहता है। इस पर परिवार ने उन्हें समझाया, लेकिन वह उदास रहने लगे थे। वह अक्सर अपने फार्म हाउस पर जाते थे। सोमवार सुबह वह बिना बताए हुए घर से निकल रहे थे। विनय ने बताया कि उनकी मां ने पिता से पूछा कहां जा रहे है तो उन्होंने बताया कि वह यहीं पर जा रहे हैं।

घर से निकलने के लगभग एक घंटे बाद जब पुनः फोन पर उनसे सम्पर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि वह आ रहे हैं, लेकिन फिर नहीं आए। जब दोबारा उनसे सम्पर्क करने का प्रयास किया गया तो सम्पर्क नहीं हुआ। संदेह होने पर गांव में पता कराया तो मालूम हुआ कि खेत में स्थित घर का दरवाजा खुला हुआ है। जिस पर छोटा भाई वहां पहुंचा तो उसके पिता चारपाई पर मृत अवस्था में पड़े हुए थे। छानबीन करने पर पता चला कि उन्होंने मरने से पहले वाट्सएप ग्रुप में मैसेज छोड़कर अपनी मौत का कारण बताया। इसकी जानकारी मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया। इसके बाद पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। फिलहाल आत्महत्या के कारणों की जांच पड़ताल की जा रही है। वाट्सएप ग्रुप में मैसेज में जिस अधिकारी का जिक्र आया है वह कौन है को लेकर चर्चा कि बाजार गर्म है। हालांकि कर्मचारी यूनियन समेत कोई भी नगर निगम कर्मचारी इस बारे मेें खुलकर बोलने को राजी नहीं है।

सम्पत्ति विभाग में थी ड्यूटी

परशुराम सतोइया इन दिनों संपत्ति विभाग में दुकानों से संबंधित लिपिकीय कार्य संभाल रहे थे। 30 जून को नगर आयुक्त ने अधिकांश लिपिकीय कर्मचारियों के पटल परिवर्तन किए लेकिन, उनका पटल नहीं बदला। ऐसे में उनके संग काम करने वाले कर्मचारी भी उनको प्रताड़ित करने वाले अफसर की पहचान नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे मेें अपनी मौत से कुछ समय पहले लिखे इस मेसेज से परशुराम की मौत का पूरा मामला रहस्य में घिर गया। उन्हें दो साल बाद ही उन्हें सेवानिवृत होना था।