झांसी। बहन के प्रेम विवाह करने से नाराज सालों द्वारा बहनोई के साथ जमकर मारपीट कर गंभीर रूप से घायल करने के मामले में आरोपी सालों के जमानत प्रार्थनापत्र विशेष न्यायाधीश अनु.जाति और अनु. जनजाति(अत्याचार निवारण) अधिनियम शक्तिपुत्र तोमर की अदालत में निरस्त कर दिए गए।
विशेष लोक अभियोजक केशवेन्द प्रताप सिंह व कपिल करौलिया के अनुसार वादी अर्जुन ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि लगभग चार साल पूर्व अल्पसंख्यक समुदाय की मुस्कान नामक लड़की से प्रेम विवाह किया था। इस विवाह से मुस्कान के परिवारीजन व अल्पसंख्यक समुदाय के लोगो में काफी आक्रोश था और मुझे जान से मारने की धमकी दे चुके है। इस संबंध मे मैने थाना नबावाद मे कई प्रार्थनापत्र दिए है। १३ मार्च को बांके बिहारी मन्दिर मडिया मोहल्ला में पेड़ों मे पानी डालने गया था तभी लोहे की राड लेकर वसीम खान ,शाहरूख पठान व अज्ञात गाली गलौज करते हुए मन्दिर में घुस आये और जाति सूचक शब्दों से अपमानित करते हुए कहा वसीम खान ने जान से मारने के उददेश्य से मेरे मुंह में लोहे की राड मार दी। मै चिल्लाते हुए जमीन पर गिर पड़ा और उक्त सभी लोग मुझे लात घूसे से मारने लगे इतने मे मन्दिर मे दर्शन करने आये दर्शनार्थियों ने ललकारा तो सभी हमलावर जान से मारने की धमकी देकर भाग गये । मारपीट में मेरा जबड़ा टूट गया और गंभीर चोटें आई।धारा ३२३, ५०४, ५०६, ३२५, ३०८ भा. द. सं. एवं धारा ३ (२) ५क एस.सी.एस.टी एक्ट के तहत मुकदमा थाना नबावाद में दर्ज किया गया। उक्त मामले में आरोपी शाहरुख पठान और वसीम द्वारा प्रस्तुत जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई उपरांत पर्याप्त आधार नहीं पाते हुए न्यायालय द्वारा निरस्त कर दिए।