झांसी में लोहा पीटा समाज की प्राचीन परम्परा ने आश्चर्य चकित किया 

झांसी। उनके लिए मौत का मातम नहीं खुशियों का मौका होता है। राजस्थान के लोहा पीटा समाज की शव यात्रा में डीजे पर बज रहे गानों पर महिलाओं को नाचते देख लोग हैरत में पड़ गए, किंतु जब उन्हें पता चला कि यह लोहा पीटा समाज की परम्परा है तब सभी की समझ में आ गया।

यह मामला झांसी जनपद के समथर कस्बा में सोमवार को देखने को मिला और सोशल मीडिया की सुर्खियां बन गया। समथर में डेरा डाले लोहा पीटा समाज के फूल सिंह (80) की मौत हो गई थी। परिजनों और रिश्तेदारों ने उनकी अंतिम यात्रा धूमधाम से निकाली। इस दौरान डीजे को भी शव यात्रा में ले जाया गया। डीजे के गानों पर श्मशान पहुंचने से पहले उक्त परिवार की महिलाओं समेत परिजनों ने जमकर डांस किया।

शव यात्रा में डीजे के गानों पर डांस का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। शवयात्रा में शामिल लोगों ने बताया कि वह लोग राजस्थान के हैं और महाराणा प्रताप के वंशज हैं। वह अपने रीति रिवाज, परम्पराएं भूले नहीं हैं। उनके पूर्वजों के अनुसार युद्ध के समय मृत्यु को उत्साह के साथ देखा जाता था। उनके समाज की महिलाएं भी युद्ध के बाद जौहर करने से पहले सज संवर कर उत्साहित होकर नृत्य आदि करके अग्नि स्नान करती थीं। वर्तमान में जौहर और सती प्रथा बंद होने की वजह से इस प्रथा का थोड़ा सूक्ष्म रूप किया जाता है। इसके साथ ही उनके समाज में किसी बुजुर्ग की एक लंबी उम्र के बाद मृत्यु होती है तो उनके यहां वर्षों से चली आ रही पुरानी परंपरा को निभाते हुए शव यात्रा बढ़ी धूम धाम के साथ निकाली जाती है।

इस आधुनिक युग में लोहा पीटा समाज द्वारा अपनी प्राचीन परम्परा को जिंदा रख कर अन्य समाजों के लिए उदाहरण प्रस्तुत कर रहा है जिन्होंने आधुनिकता का लवादा ओड़ कर अपनी परम्परा, रीति रिवाज को भुला दिया है।