डंडे व लोहे के तबे के ताबड़तोड़ बार से चीख भी न पाए, सुबह बिस्तर पर मिले शव

पबजी के मकड़जाल में फंस कर खोया मानसिक संतुलन 

झांसी। जिले थाना नवाबाद के नारायण बाग के पीछे स्थित पिछोर मोहल्ले में बेटे ने रात में अपनी मां और बाप की सोते समय डण्डे व लोहे के तबे से ताबड़तोड़ हमला कर हत्या कर दी। हमला इतना घातक था कि वह चीख भी नहीं पाये।शनिवार सुबह दोनों का रक्तरंजित शव बिस्तर पर पड़ा मिला। जिसने देखा दहल उठा। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर आरोपी बेटे को हिरासत में लेकर हत्या में प्रयुक्त खून से सने डण्डा व तबा बरामद कर लिया। पुलिस का कहना है युवक की मानसिक दशा ठीक दिखाई नहीं लगती है।

परिवार के लोगों का कहना है कि युवक पबजी गेम के मकड़जाल में फंसकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था। वह बीते दिन भी मोबाइल पर गेम खेल रहा था। गुस्साए पिता ने उससे मोबाइल छीना और घर में छुपा दिया। उस वक्त तो युवक नाराज होकर अपने कमरे में चला गया लेकिन देर रात को उसने सोते मां-बाप पर हमला कर दिया।

थाना नवाबाद क्षेत्र अंतर्गत पिछोर मोहल्ला में पलरा में शिक्षक लक्ष्मी प्रसाद (58) अपनी पत्नी विमला देवी (52) व पुत्र अंकित (28) के  साथ रहते हैं। शनिवार की तड़के अंकित ने डंडे एवं कुल्हाड़ी से ताबड़तोड़ बार कर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद आरोपी बेटा नहा धोकर लेट गया। सुबह जब कचरे वाला गाड़ी लेकर पहुंचा तब इस घटना का खुलासा हुआ। पड़ोसियों ने बताया कि सुबह कूड़े की गाड़ी आने के बाद घटना के बारे में पता चला और लोगों ने दरवाजा खुलवाने का काफी प्रयास किया लेकिन सफलता नहीं मिली। पुलिस को इस बारे में सूचना दी गयी । पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घर का दरवाजा खुलवाया।

मौके पर एसएसपी राजेश एस, सीओ सिटी राजेश राय, नवाबाद इंस्पेक्टर सुधाकर मिश्रा पुलिस फोर्स के साथ पहुंच गए और मामले की जांच पड़ताल की। पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज कर कार्यवाही शुरू कर दी। मौके से ही खून से सना डंडा और तबा को बरामद कर लिया गया। बेटे को भी पहली मंजिल में एक कमरे से निकाल कर पुलिस ने हिरासत में लिया है। पुलिस उससे पूछताछ में जुटी है। सीओ राजेश राय का कहना है कि अंकित की मानसिक स्थिति ठीक नजर नहीं आ रही है। दोनों शव को पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया। परिवार के लोगों का कहना है कि युवक पबजी गेम के मकड़जाल में फंसकर अपना मानसिक संतुलन खो बैठा था। वह बीते दिन भी मोबाइल पर गेम खेल रहा था। गुस्साए पिता ने उससे मोबाइल छीना और घर में छुपा दिया। उस वक्त तो युवक नाराज होकर अपने कमरे में चला गया लेकिन देर रात को उसने सोते मां-बाप पर हमला कर दिया।

रेलवे अस्पताल से नौकरी छूटने के बाद से डिस्टर्ब था आरोपी की बहन नीलम ने बताया कि अंकित रेलवे अस्पताल में कंपाउंडर था। कोरोना के दौर में अंकित की जॉब छूट गई थी। लॉकडाउन के दौरान वो घर में ही रहा। इस दौरान मोबाइल और लैपटॉप पर कई-कई घंटे गेम खेलता था।छह महीने तो वह कमरे से ही नहीं निकला था। इसी में वह डिस्टर्ब हो गया था, उसके व्यवहार में भी बदलाव आ गया था। उसने मां-पिता से पहले भी मारपीट की थी। वह लोग उसे गेम खेलने से मना करते और दोबारा जॉब करने को कहते थे।