मातृ मृत्यु समीक्षा समिति की हुई बैठक
झांसी। जनपद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी की अध्यक्षता में मातृ मृत्यु समीक्षा समिति की बैठक का आयोजन जनपद के सीएमओ ऑफिस में किया गया I बैठक के दौरान जनपद में बीते तीन माह में हुई मातृ मृत्यु के कारणों एवं कारकों पर चर्चा की गयी I
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ सुधाकर पांडे ने बताया कि जनपद में हुई मातृ मृत्यु के कारणों पर प्रकाश डालने के लिए एमडीएसआर की बैठक का आयोजन किया गया था I जिसमें पीपीएच और एक्लेम्पसिया जैसे कारणो के साथ साथ कारकों जैसे कि गर्भावस्था के दौरान हुई तीन देरी के बारे में चर्चा की गयी I जिसका मुख्य कारण समय से प्रसव के लिए न जाना या प्रसव में किसी भी अन्य प्रकार की देरी जैसे कारण पाये गए I साथ ही सीएमओ ने बताया कि माँ बनना स्त्री का मौलिक अधिकार है I यह कोई बीमारी नहीं है जो मृत्यु का कारण बने I लेकिन गर्भावस्था के दौरान उचित देखभाल न मिल पाने के कारण और सुविधाओ तक देर में पहुँचने के कारण महिला ऐसी स्थिति में आ जाती है I इसके लिए जरूरी है की गर्भवती का प्रसव या तो एफ़आरयू या मेडिकल कॉलेज में ही हो I इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही न बरती जाये I
अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ एनके जैन ने बताया कि मातृ मृत्यु को लेकर की गयी चर्चा के दौराना पाया गया कि गर्भवस्था के दौरान कई महिलाएं आज भी जांच के लिए नहीं आती हैं I ऐसे में कई तरह की दिक्कतें होती हैं जिनके कारण प्रसव के दौरान समस्याएँ काफी बढ़ जाती हैंI नतीजे के तौर पर मातृ मृत्यु का सामना करना पड़ता है I ऐसे मे अभी भी जागरूकता के स्तर पर ध्यान देने की बहुत खासा जरूरत है I इसके अतिरिक्त गर्भवती को समयानुसार चिकित्सकीय सुविधाएं मिलने देर होना भी मातृ मृत्यु का एक मुख्य कारण हैI जो कि कभी यातायात कि वजह से तो कभी स्वास्थ्य केन्द्रो में दी जा रही सुविधाओं की देरी की वजह से घटित होती हैं I
स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी डॉ विजयश्री शुक्ला ने डाटा प्रस्तुतीकरण के माध्यम से बताया कि जनपद में कुल 15 मातृ मृत्यु सूचित की गयी हैं I जिसमें से 9 झाँसी की, 3 उत्तर प्रदेश के अन्य जिलो ललितपुर, महोबा और जालौन की हुई हैं और बाकी की तीन मध्य प्रदेश के टीकमगढ़, छतरपुर की हैं I जिनका ऑडिट एमओआईसी, एएनएम और बाकी टीम के द्वारा किया जा चुका हैI