कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र की लाइन में अवैध कनेक्शन कर कालोनी में पानी की सप्लाई ! 

झांसी। इसे जल संस्थान की लापरवाही कहें या जानबूझ कर कालोनाईजर को “उपकृत” करने की साज़िश कि महानगर की जिस कालोनी में जल संस्थान की पाइप लाइन ही स्वीकृत नहीं है वहां धड़ल्ले से जल संस्थान की पाइप लाइन से सैंकड़ों गैलन पानी की चोरी कर राजस्व को क्षति पहुंचाई जा रही है और विभाग के जिम्मेदार आंखें बंद किए हुए हैं जबकि इसकी शिकायत भी जिलाधिकारी व जल संस्थान से की जा चुकी है।

दरअसल, कृषि वानिकी अनुसंधान केंद्र झांसी में पानी की अति आवश्यकता के चलते जल संस्थान से अलग से पाइप लाइन ली गई है। इसका व्यय अनुसंधान केंद्र द्वारा अपने मद से किया गया है। केंद्र को इस लाइन से 24 घंटा पानी की आपूर्ति की जाती है और इसका बिल भी अनुसंधान केंद्र द्वारा जल संस्थान को प्रतिमाह दिया जाता है।
जिलाधिकारी से की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि वानिकी अनुसंधान केंद्र को जाने वाली पाइपलाइन से मार्ग में चोरी से एक निजी कॉलोनी में पाइप लाइन जोड़ दी गई है। इसका पानी कालोनी के आवासों में रहने वालों को बेचा जा रहा है। पानी की चोरी के इस मामले में जल संस्थान के कतिपय जिम्मेदारों का हाथ है।

बताया गया है कि कालोनी में फ्री में जलापूर्ति की जा रही है जबकि रानी लक्ष्मी बाई कृषि विश्व विद्यालय द्वारा उक्त पाइप लाइन से कनेक्शन मांगने पर जल संस्थान द्वारा यह कहकर मना कर दिया गया था कि वह वानिकी अनुसंधान की निजी लाइन है जिससे उसे काटकर पानी नहीं दिया जा सकता। शिकायत में बताया गया है कि सड़क चौड़ीकरण का बहाना बनाकर उक्त पाइप लाइन को टूटा बताकर अनुसंधान केंद्र झांसी को पानी की आपूर्ति प्रभावित कर दी गई जबकि इस पाइप लाइन में अवैध रूप से लगभग 5 इंच मोटी लाइन जोड़ कर लगातार कालोनी को जलापूर्ति की जा रही है। इस पानी का दुरुपयोग कालोनी में भवन निर्माण में भी किया जा रहा है।

शिकायती पत्र देने के बाद उक्त पाइप लाइन से कॉलोनी में जाने वाले पानी को रोक दिया गया था किंतु फिर से जल संस्थान के लिए कार्य करने वाले ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा वह अवैध पाइप लाइन फिर चालू कर दी गई। इस मामले में जल संस्थान के उच्च अधिकारी को भी अवगत कराया गया है। उन्होंने इस मामले में जांच कर कार्यवाही करने की बात की है। अब देखना यह है कि जल संस्थान इस अवैध संयोजन के अपराधिक कृत्य पर क्या कार्रवाई करता है।