बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी एवं केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई नई दिल्ली संयुक्त रूप से करेंगे आयोजन
झांसी। संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार एवं संस्कृत भाषा सीखने के प्रति लोगों की जिज्ञासा के फल स्वरुप बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में एक वर्षीय संस्कृत भाषा सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम पुनः प्रारंभ हो गया है।
बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के संस्कृत पीठ के निदेशक प्रो बीबी त्रिपाठी ने बताया कि युवाओं में संस्कृत भाषा को लेकर रुचि उत्पन्न हुई है। संस्कृत केवल धर्म और आध्यात्म कि ही नहीं बल्कि विज्ञान और साहित्य की भी भाषा है। भारत को जानने के लिए आवश्यक है कि युवा पीढ़ी संस्कृत भाषा संभाषण के साथ ही अध्ययन को भी सीखे। संस्कृत भाषा नकारात्मक ऊर्जा के साथ ही अवसाद को समाप्त कर व्यक्ति में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केंद्र के केंद्राधिकारी डॉ कौशल त्रिपाठी ने बताया कि यह पाठ्यक्रम केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली द्वारा संचालित किया जा रहा है।
इसकी कक्षाएं भास्कर जनसंचार एवं पत्रकारिता विभाग में अपराहन 3 से 4:00 बजे डाॅ शंभू नाथ घोष, सहायक आचार्य केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय नई दिल्ली द्वारा संचालित कि जाएंगी। पाठ्यक्रम प्रवेश के लिए 10वीं कक्षा उत्तीर्ण होनी चाहिए। पाठ्यक्रम शुल्क पुस्तकों सहित ₹1200 है। आठ क्रेडिट के इस पाठ्यक्रम का संचालन नई शिक्षा नीति के आधार पर किया जा रहा है जिसमें प्रथम वर्ष उत्तीर्ण होने पर सर्टिफिकेट, द्वितीय वर्ष पर डिप्लोमा एवं तृतीय वर्ष पर डिग्री प्रदान की जाएगी।
अन्य जानकारी के लिए केंद्राधिकारी डॉ कौशल त्रिपाठी से 8353 973918 पर संपर्क कर सकते हैं या सीधे https://sanskritnfse.samarth.edu.in/ पर पंजीयन कर सकते हैं। सत्र 2023-24 के लिए प्रवेश की अंतिम तिथि 5 अक्टूबर 2023 है।