डाॅ० संदीप जैसे व्यक्तित्व युवाओं के लिये प्रेरणास्रोत- जसवंत सिंह

झांसी“वक्त का ये परिंदा रुका है कहाँ, मैं था पागल जो इसको बुलाता रहा। चार पैसे कमाने मैं आया शहर, गाँव मेरा मुझें याद आता रहा।” यह नज्म आप सभी ने जरूर सुनी होगी इसे मखमली आवाज में गाया है प्रसिद्ध गजल गायक जसवन्त सिंह ने। झाँसी प्रवास के दौरान जसवंत सिंह को संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर सम्मानित किया गया। इस दौरान उन्होंने संस्था के संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी से विभिन्न मुद्दों व ग़ज़ल गायिकी में मुकाम हासिल करने के लिए किए गए संघर्ष पर चर्चा की।

झांसी में जन्मे जसवंत सिंह ने प्रारंभिक शिक्षा झाँसी में ही ग्रहण की। इसके बाद अपनी गायकी के बूते 1987 में माया नगरी मुम्बई में अपनी किस्मत आजमाने मुंबई चले गए। शुरुआती उतार चढ़ाव के बाद उन्होंने ग़ज़ल, भजन आदि गायकी के माध्यम से अपना मुकाम हासिल किया। जसवंत सिंह अब तक 1000 से भी ज्यादा गजलें और भजन गा चुके हैं, कुल 100 से भी ज्यादा एलबम हैं। शिखर, रिश्ता, कागज की कश्ती बारिश का पानी, पोट्रेट, तेरे खुश्बू में बसे खत, इत्यादि जसवंत सिंह के प्रसिद्ध एलबम हैं।

हाल ही में तथास्तु इंडिया के लिए संपूर्ण सुंदरकांड और टी-सीरीज के लिए एक ग़ज़ल “ये ताजगी ये नजाकत कहां से लाई हो” गाई है। उन्होंने प्रसिद्ध गायक/गायिका अनुराधा पौडवाल, जगजीत सिंह, गुलाम अली, शेखर सेन, पंकज उधास, पीनाज़ मसानी, और कविता पौडवाल के साथ भी अनेक भजन गाये हैं। उन्होंने अमेरिका, लंदन, ब्रिटेन, हॉलैण्ड, सिंगापुर, दुबई, कुवैत, आदि विश्व के करीब 20 देशो मे प्रोग्राम किये हैं और अपने स्वर से अनेकों को मन्त्र-मुग्ध किया है।

गायकी के लिए जसवंत सिंह को दैनिक जागरण समाचार पत्र द्वारा ‘जागरण अवार्ड’ एवं कादम्बरी संगीत सम्मान जैसे एक दर्जन अर्वाडों से सम्मानित किया जा चुका है। संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में भ्रमण के पश्चात जसवंत सिंह ने संस्था के कार्यों को सराहा तथा डॉ० संदीप सरावगी को उज्जवल भविष्य का शुभाशीष दिया इसके पश्चात कुछ चुनिंदा गजलें गाकर अपनी गायकी से सभी को मंत्रमुग्ध भी किया।

इस अवसर पर डॉ० संदीप सरावगी ने कहा यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से अपनी प्रतिभा को निखारने का काम करें तो यह संभव नहीं कि उसे उसका लक्ष्य हासिल ना हो झांसी से निकलकर आज जसवंत सिंह मुंबई सहित पूरे देश में प्रसिद्ध गजल गायक के रूप में स्थापित हो चुके हैं। साथ ही छोटे शहर के कलाकारों के लिए यह प्रेरणा है कि आप किसी भी क्षेत्र के हो यदि आप अपनी प्रतिभा के प्रति ईमानदार हैं तो आप कुछ भी कर सकते हैं। इस अवसर पर जगदीश यादव, अतुल मिश्रा (बजरंग दल), धर्मेंद्र गुर्जर एवं संघर्ष सेवा समिति से बसंत गुप्ता, राजू सेन, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार, ललित रायकवार, संदीप नामदेव, सौरभ जैन, अनुज प्रताप सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।