झांसी‌। अपर सत्र न्यायाधीश (द्रुतगामी न्यायालय महिलाओं के विरूद्ध अपराध) जितेन्द्र यादव के न्यायालय में महिला के साथ बलात्कार व जान से मारने की धमकी का दोष सिद्ध होने परअभियुक्त को 12 वर्ष के कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।

सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता (दाण्डिक) संजय कुमार पाण्डेय के अनुसार वादिया मुकदमा ने थाना रक्सा में तहरीर देते हुए बताया कि उसका पति खेती करता है। घटना दिसम्बर माह सन 2022 के समय करीब 7.00 बजे शाम की है, वह अपने घर के पीछे बाड़े में अकेली भैसों को भूसा डाल रही थी, तो मौका पाकर विपक्षी संतोष यादव आया और जबरदस्ती हाथ पकड़कर बोला कि आवाज मत निकालना और मुंह दबा दिया व कटटे की दम पर जमीन पर पटककर उसके साथ बलात्कार किया तथा उसे निर्वस्त्र कर अश्लील फोटो ले ली और धमकी दी कि किसी को बताया तो तुम्हारी वीडियो वायरल कर दूंगा और तुझे व तेरे परिवार को जान से मार दूंगा।डर की वजह से उसने किसी को कुछ नहीं बताया और विपक्षी उसको ब्लैकमेल करता रहा वह डर की वजह से उसकी हर बात मानती रही। इसके बाद उसके साथ पुनः दूसरी बार माह मार्च 2023 को रात करीब 1.00 बजे बनी दालान के अन्दर चारपाई पर सोते समय अकेली पाकर विपक्षी ने दुष्कर्म किया और जाते वक्त जान से मारने की धमकी देता चला गया, तब वह
डर की वजह से जुबान नहीं खोल सकी व लोक लाज की वजह से अपने खराब कपडे भी नहीं रख सकी। विपक्षी संतोष यादव का सहयोग उसका भाई आनन्द यादव करता है, जिसका फायदा उठाकर विपक्षी संतोष अभी भी फोटो वीडियो वायरल करने की धमकी देकर व ब्लैकमेल कर शारीरिक शोषण करने पर उतारू है तथा आये दिन गाली गलौज कर झगडा करता है, जिससे
प्रार्थिया का जीवन खतरे में है।
प्रस्तुत प्रार्थना पत्र के आधार पर अभियुक्त संतोष यादव व आनन्द यादव के विरुद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट धारा 376, 504, 506, 120 बी. के तहत 16 जून 2023 कोे अंकित की गयी। विवेचना उपरान्त अभियुक्त संतोष यादव के विरूद्ध आरोप-पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया । उक्त मामले में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध संतोष यादव पुत्र मनीराम यादव, निवासी ग्राम छतपुर (बछौनी) थाना रक्सा
को धारा 376 आईपीसी के अपराध में 12 वर्ष के कठोर कारावास तथा 20 हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर तीन माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा 506 के अपराध में 2 वर्ष के साधारण कारावास व 2000 रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।