भारतवर्ष की महान चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद हम सभी के लिये वरदान- डाॅ० संदीप सरावगी

झांसी। भारतवर्ष की महान चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद के माध्यम से सैकड़ो वर्षों से असाध्य रोगों का उपचार किया जा रहा है आयुर्वेद पद्धति का जन्म भारत से ही माना जाता है। आयुर्वेद उपचार के अंतर्गत श्रृंगी चिकित्सा पद्धति द्वारा रक्त मोक्षन विधि से जोड़ों के असाध्य रोगों का इलाज संभव है।

हरिद्वार में डॉक्टर राजकुमार टोनी एवं उनके सहयोगी द्वारा श्रृंगी चिकित्सा पद्धति द्वारा उपचार किया जा रहा है जिससे अभी तक लाखों की संख्या में मरीज लाभान्वित हो चुके हैं। वर्तमान समय में हमारे बिगड़ते खान-पान और अन्य कारणों से जोड़ों का दर्द आम बात हो गई है लोगों द्वारा काफी रुपया खर्च करने के बाद भी सफलता के साथ उपचार नहीं मिल पाता इस समस्या के समाधान के लिए संघर्ष सेवा समिति द्वारा एस.एम. टावर झोकन बाग स्थित समिति कार्यालय पर तीन दिवसीय निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया।

शिविर के प्रथम दिवस पर 100 से अधिक मरीजों का सफल उपचार किया गया काफी वर्षों से चलने फिरने में असक्षम मरीज बिना सहारे के चलते हुए दिखाई दिये। बातचीत में सभी ने बताया कि उन्हें इस चिकित्सा पद्धति से काफी आराम मिला है और चलने फिरने में समस्या नहीं आ रही है उपचार के बाद सभी मरीजों ने डॉक्टरों की टीम और संघर्ष सेवा समिति को धन्यवाद ज्ञापित किया। राजकुमार टोनी बताते हैं उनके पूर्वज पिछले 1800 वर्षों से इस पद्धति द्वारा लोगों का उपचार कर रहे हैं।

इस चिकित्सा पद्धति में किसी भी प्रकार की चीराफाड़ी नहीं होती है मात्र 20 से 25 मिनट के उपचार में मरीज को पूर्ण रूप से आराम मिल जाता है। इस चिकित्सा पद्धति में मवेशियों के सींगों (श्रंगों) के माध्यम से उपचार किया जाता है दर्द वाले स्थान पर उनका खोखला सींग लगाकर निर्वात उत्पन्न करते हैं उसके पश्चात काफी समय से जमे हुए खून को शरीर के बाहर निकाला जाता है। उन्होंने कहा डॉक्टर संदीप निशुल्क चिकित्सा शिविर आयोजित कर जनमानस का भला कर रहे हैं जनमानस के साथ इसका लाभ निश्चित रूप से डॉ० संदीप को भी मिलेगा। संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉक्टर संदीप सरावगी ने कहा आज के समय में खासकर बुजुर्गों को जोड़ों का दर्द, सर्वाइकल आदि समस्याओं से जूझना पड़ रहा है जिससे उनका जीवन दूभर होता जा रहा है व्यस्तता के कारण उनके बच्चे भी मां-बाप के इलाज पर ध्यान नहीं दे पा रहे हैं। प्रत्येक व्यक्ति हरिद्वार या अन्य जगह जाकर इस चिकित्सा पद्धति से उपचार कराने में सक्षम नहीं है। इसी कारण हमने झाँसी में तीन दिवसीय (8, 9, 10 दिसम्बर) निशुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया गया प्रथम दिवस पर 100 से अधिक मरीजों का उपचार हुआ है सभी का कहना है कि उन्हें 80 से 100% तक लाभ मिला है हम आगे भी इस प्रकार के आयोजनों को क्रियान्वित करते रहेंगे।

इस अवसर पर संघर्ष सेवा समिति से बसंत गुप्ता, सुशांत गेड़ा, राकेश अहिरवार, संदीप नामदेव, अनिल वर्मा, पूजा रायकवार, नीतू सिंह माहौर, कौशर जहां, मोना रायकवार, उर्वशी अवस्थी, अनुज प्रताप सिंह, साकेत गुप्ता, लखन लाल सक्सेना, संजीव श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।