झांसी। संसद के दोनों सदनों से विपक्ष के 146 सांसदों के निलंबन के विरोध में झांसी के इलाइट चौराहे पर कांग्रेस व सपा सहित आईएनडीआईए के सदस्य दलों ने विरोध प्रदर्शन किया और जम कर नारेबाजी की।

विरोध प्रदर्शन के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री व वरिष्ठ कांग्रेसी नेता प्रदीप जैन आदित्य ने कहा कि संसद देश का मंदिर है, यह किसी की बपौती नहीं है। संसद में 140 करोड़ हिंदुस्तानी अपने प्रतिनिधियों को चुनकर भेजता है और इस तरह से संसद से उन्हें बाहर करने का अधिकार तो अंग्रेजों के शासनकाल में भी नहीं था। संसद में भारतीय जनता पार्टी के सांसद की सिफारिश पर जिन लोगों का पास बना उन लोगों ने संसद में घुसकर बवाल किया । इस बात पर जब विपक्ष उनसे स्पष्टीकरण चाहता है तो संसदीय इतिहास में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में दोनों सदनों में विपक्षी सांसदों को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है । यह फांसीवादी, हिटलरवादी सोच का हटना जरूरी है, प्रधानमंत्री मोदी सांसदों के इस अपमान को लेकर माफी मांगे।

समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता चंद्रपाल सिंह यादव ने इतनी बड़ी संख्या में सांसदों के निलंबन को सरकार की तानाशाहीपूर्ण कार्रवाई निरूपित किया। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में यह रवैया नहीं चलेगा लेकिन अगर सरकार ने इस पर अमल नहीं किया और लोकतंत्र की बहाली की ओर उसके कदम नहीं बढ़े तो आने वाले समय में इंडिया गठबंधन के लोग सड़कों पर उतरेंगे।

आम आदमी पार्टी के महानगर अध्यक्ष गयादीन कुशवाहा ने कहा कि इस सरकार ने लोकतंत्र खत्म कर दिया है। आवाज उठा रहे सांसदों की आवाज नहीं उठाने दे रही है यह सरकार। पूरी तरह से असंवैधानिक काम हो रहा है। अपने पक्ष की गलती पर विपक्ष के सवालों का जवाब देने की जगह सरकार ने विपक्षी सांसदों को ही बाहर कर दिया है। इस असंवैधानिक रवैये के खिलाफ आईएनडीआईए गठबंधन संघर्षरत है और आगे अगर जरूरत हुई तो सड़क पर संघर्ष जारी रखा जायेगा।

प्रदर्शन में प्रदर्शनकारियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। इसके बादआईएनडीआईए गठबंधन में शामिल कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी और आमआदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति का संबोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा।