झांसी। एक ऐसी प्रेम कहानी का अंत हो गया, जिसमें प्रेमिका घर-द्वार छोड़कर प्रेमी से मिलने को व्याकुल थी, लेकिन परिजन बाधा बने हुए थे। रेल सिग्नल केविल बिछा रहे श्रमिक ने प्रेमिका से मोबाइल फोन पर पूरी रात बातचीत की और सुबह न जाने ऐसा क्या हुआ कि उसने ट्रेन के आगे आकर अपनी जान दे दी। यह घटना जनपद झांसी में प्रेमनगर थानान्तर्गत बिजौली स्टेशन के पास की है।

अलीगढ़ निवासी लगभग 20 वर्षीय राकेश कुमार पुत्र नेहरु सिंह झांसी में अन्य श्रमिकों के साथ रेलवे ठेकेदार जयवीर उपाध्याय के अंडर में सिग्नल केबिल बिछाने का काम कर रहा था। साथी संतोष कुमार ने बताया कि राकेश और अन्य साथी बिजौली स्टेशन के पास काम करने गया था। संतोष के अनुसार राकेश पूरी रात्रि अपनी प्रेमिका से मोबाइल फोन पर बात करते करते रो भी रहा था। इससे पहले एक दिन पहले भी उसकी अलीगढ़ मे रहने वाले उस लड़की से बात हुई थी, बातचीत के दौरान लड़की ने झांसी आने के लिए कहा था। इसके लिए वह तैयार नहीं था और राकेश ने मरने की बात बोली थी, उसे समझाया तो मान गया था। इस लड़की से उसका दो वर्ष से प्रेम चल रहा था। रात्रि में मोबाइल पर हुई वार्ता के दौरान न जाने ऐसा क्या हुआ कि उसने सुबह रेलवे लाइन पर जाकर ट्रेन के आगे आकर आत्महत्या कर ली।

जब वह नजर नहीं आया तो खोजबीन की गई। इस दौरान उसका शव रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत हालत में मिला। इसकी सूचना थाने की पुलिस को दी गई। पुलिस मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी कर शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया।

बाद में उधर पता चला कि युवती अपने घर से भाग निकली थी। परिजनों ने उसे अलीगढ़ रेलवे स्टेशन के पास पकड लिया था। राकेश आत्महत्या की सूचना उसके परिजनों को दी, जिस पर आज उसके चाचा शिशुपाल, पिता नेहरू राजपूत व परिजन झांसी आए। पुलिस ने पंचनामा भरकर शव का पोस्टमॉर्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया।
3 भाई-बहनों में सबसे बड़ा था राकेश
परिजनों ने बताया कि नेहरू राजपूत के 3 बच्चे है, जिसमें राकेश (20) सबसे बड़ा पुत्र था। उससे छोटी पुत्री 18 साल की प्रियंका और 16 साल का पुत्र भूरा है। पिता खेती करते हैं। पुत्र के आत्महत्या की खबर जैसे ही मां सरबती को लगी तो वह बेसुध होकर गिर पड़ी।