झांसी। मानव विकास संस्थान व गोयनका पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वावधान में दीनदयाल सभागार में कार सेवा के दौरान झांसी के लाल शहीद जगत प्रकाश अग्रवाल की शहादत पर नाट्य मंचन के माध्यम से कलाकारों के अभिनय की प्रस्तुति /अभिव्यक्ति ने उस दौर को जाग्रत कर अभिभूत कर दिया जब झांसी मिनी अयोध्या बन गया था और हंसता-खेलता जगत शहीद हो गया था।

यह नाटक विधान परिषद सदस्य डॉ बाबू लाल तिवारी की प्रेरणा से इंजी.पीएन गुप्ता व निदेशक गोयनका इंजी. गौरव अग्रवाल की संयुक्त अध्यक्षता, जिला प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ सक्षम के मुख्य आतिथ्य, राष्ट्रीय कन्वीनर अशोक अग्रवाल काका के सानिध्य, संजय पटवारी प्रदेश अध्यक्ष उत्तर प्रदेश व्यापार मण्डल, अंबेडकर बस्ती प्रमुख संजय लिखधारी के विशिष्ट आतिथ्य व गोयनका की प्रिंसिपल पूजा मल्होत्रा के संयोजन में कार सेवा करते झांसी के लाल के अमर शहीद होने पर आधारित नाट्य का मंचन किया गया। आरम्भ में अतिथियों व पदाधिकारियों देवी मां सरस्वती, भारत माता, श्री राम व बलिदानी जगत प्रकाश अग्रवाल के चित्र पर पुष्प अर्पित व दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। तत्पश्चात अतिथियों का स्वागत किया गया।

नाट्य मंचन के द्वारा अमर शहीद जगत प्रकाश अग्रवाल की शहादत को दर्शाते हुए किस्से को प्रस्तुत कर झांसी रेलवे स्टेशन के पास बनायी गई जेल में राम के नारे मन्दिर वहीं बनाएंगे बोलने पर कार सेवकों को बन्द कर उन पर बर्बरता पूर्वक गोलियां बरसाते दिखाया गया।
इस दौरान केशरी के लाल पर नृत्य कार्यक्रम में प्रथम थीम रही तदुपरांत पांच सौ वर्षों पहले से राम मन्दिर आन्दोलन आरम्भ होने तक के इतिहास को दोहराते हुए मुगल शासक बाबर के काल को बताते हुए अयोध्या में राम मंदिर को तोड़ उस पर बाबरी मस्जिद निर्माण होने से हिन्दू समाज बराबर आहत रहा।
आन्दोलन वर्षो चला और आखिर तीन जजों की पीठ ने स्वीकार कर फैसला राम मंदिर न्यास के पक्ष में दिया दर्शाते हुए सम्पूर्ण नाट्य मंचन व तीसरी थीम राम आए हैं गोयनका पब्लिक स्कूल की शिक्षिकाओं व शिक्षक गण के मार्गदर्शन में बच्चों के द्वारा बखूबी प्रस्तुत किया गया।
मुख्य अतिथि ने तत्कालीन सरकार की बर्बरता के दृष्टांत को देख उस सरकार द्वारा किए कृत्य की निन्दा की। विशिष्ट अतिथि व्यापारी नेता ने अपने को बलिदानी को सहपाठी बताए हुए उनकी कार सेवा करते दी शहादत को राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा में आहुति दिया जाना कहा। इंजी. पी एन गुप्ता ने भी करसेवा से जुडा एक दृष्टांत सबको बताया।
संस्थान कन्वीनर श्री काका ने गोयनका के समस्त प्रबन्धन व छात्र – छात्राओं की अटूट मेहनत की भूरि – भूरि प्रशंसा करते हुए कहा जगत प्रकाश जी आज भी अप्रत्यक्ष रूप से हम सब के बीच हैं और अवश्य ही उनको शान्ति का अनुभव हो रहा होगा कि उनके कृत्य से आज राम लला विराजमान हो रहे हैं। कार्यक्रम की स्मृतियां बनी रहें इसके लिए आए हुए अतिथियों को पौधों के गमले प्रदान कर उन्हें सम्मानित किया गया।

कार सेवक अमर बलिदानी झांसी के लाल नाट्य मंचन में पूर्व संयुक्त आयुक्त मत्स्य विभाग, बेटी बचाओ अभियान के मुन्ना भैया साहू, भेल यूनियन अध्यक्ष उमेश प्रजापति , कैट के उपाध्यक्ष शैलेन्द्र राय, कमलेश साहू, अशोक अग्रवाल पीएनबी, अशोक सेन, आर के सर, विद्यालय बच्चों के अभिभावक गण , सम्भ्रांत नागरिक , मातृशक्ति उपस्थित रहे। प्रियांशु, रोहित व हर्ष के साथ सभी शिक्षिकाओं का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम का संचालन पूजा ठाकुर ने व आभार संस्थान सचिव अनिल कुमार साहू ने व्यक्त किया।

मेरे दिल में दफ़न दास्तानें हकीकत….” हालांकि इस दिन झांसी के इतिहास के पन्नों में वह इबारत भी लिखी गई थी जिसमें खंडेरावगेट के परकोटा को बोना कर रही इस हवन कुण्ड की अट्टहास करती लपलपाती लपटों में कुछ और गुमनाम कारसेवक…..। अज्ञात दूरांचलों के उत्साही गुमनाम मौत के आगोश में खो गए थे और इकलौते प्रत्यक्षदर्शी की जवान पर दहशत का ताला लगा कि खुल नहीं पाया। अग्निकुंड में राख में बदलती देहों को हमने अपनी आंखों से देखा…. जब भी तिराहे से निकलता हूं तो वह याद आते हैं जिन्हें कोई याद नहीं करता। अब जब भगवान श्रीराम अपने महल में पहुंच गए हैं तो भगवान उनकी आत्मा को शांति व श्रीचरणों में स्थान प्रदान करे।”