न्यायालय ने 15 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया अर्थदंड भी लगाया
झांसी। विशेष न्यायाधीश अनुसूचित जाति और जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम शक्तिपुत्र तोमर की अदालत ने हत्या का दोष सिद्ध होने पर दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायालय ने 15 साल पुराने मामले में फैसला सुनाया। न्यायालय ने दोनों अभियुक्तों पर अर्थदंड भी लगाया।
विशेष लोक अदालत केशवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि मऊरानीपुर के अल्याई मुहल्ला निवासी पूरनदास ने मऊरानीपुर थाने में रिपोर्ट कराई थी। इसमें बताया था कि उसके घर के पास एक शराब की दुकान है। दुकान पर हमीरपुर के थाना जरिया के खेड़ा शिलाजीत निवासी पुष्पेंद्र मिश्रा व मऊरानीपुर के अल्याई मुहल्ला निवासी केशव बढ़ई सेल्समैन थे। दोनों शराब में पानी मिला कर बेचते थे। इसकी शिकायत मिलने पर ठेकेदार ने उसके भाई रामसिंह को दोनों सेल्समैन पर नजर रखने के लिए शराब की दुकान में तैनात कर दिया।
राम सिंह ने दोनों को शराब में आगे पानी मिलाते हुए देख लिया था और जान इसकी शिकायत ठेकेदार से कर दी।इससे सेल्समैन पुष्पेंद्र मिश्रा व केशव बढ़ई उससे रंजिश रखने लगे थे। सात जून 2008 की रात दोनों सेल्समैन उसके भाई राम सिंह को अपने साथ ले गए थे। अगले दिन भाई का बंद बोरे में शव मिला था।
पुलिस ने दोनों सेल्समैन के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था। न्यायालय ने पूरे मामले की सुनवाई के बाद अभियुक्त पुष्पेंद्र मिश्रा व केशव बढ़ई को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साथ ही 10-10 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया। इसके अलावा न्यायालय ने अन्य धाराओं में भी सजा सुनाई।