यात्रा के दौरान सांसों ने साथ छोड़ा, परिवार पर कर्ज का और बोझ चढ़ा 

झांसी। कर्नाटक सम्पर्क क्रान्ति एक्सप्रेस में यात्रा के दौरान लगभग 40 वर्षीय मजदूर की मौत हो गई और उसकी परिवार पर चढ़ा क़र्ज़ चुकाने की हसरत पूरी नहीं हो पाई। उसका शव झांसी स्टेशन पर उतरा गया। झांसी से शव को एम्बुलेंस से बिहार ले जाया गया है।

दरअसल, बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के भैरोगंज निवासी परविंद उरांव को क्षेत्र में काम नहीं मिलने से आर्थिक हालात खराब होती जा रही थी। परिवार पर काफी कर्ज भी हो गया था। इस दौरान नवंबर में वह गांव के अन्य लोगों के साथ मजदूरी करने कर्नाटक के बेलगांव गया था। यहां उसने मजदूरी करके लगभग 30 हजार रुपये जमा कर लिए। इसके बाद शनिवार को वह अपने साथियों के साथ कर्नाटक संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से वापस गांव लौट रहा था। उसे उम्मीद थी कि कमाई की राशि से उसके परिवार का कर्ज का काफी बोझ कम हो जाएगा।

साथियों ने बताया कि यात्रा के दौरान परविंद ने क़र्ज़ चुकाने की बात उन लोगों से कही थी। उसने घरवालों को भी फोन पर बता दिया था कि वह घर पहुंच कर कर्ज चुका देगा, किंतु उसकी यह हसरत पूरी नहीं हो पाई। यात्रा के दौरान परविंद ने भोपाल स्टेशन पर पानी पीया। इसके बाद उसे सर्दी लगने पर जैकेट ओढ़ा दी। सुबह  ट्रेन झांसी स्टेशन पहुंची तो परविंद को उठाया गया क्योंकि यहां से ट्रेन बदलना थी।

जब परविंद नहीं उठा तो जांच की गई तो पता चला कि उसकी मौत हो चुकी है। परविंद की मौत की सूचना पर पहुंची जीआरपी ने शव को ट्रेन से उतरवाया। झांसी से परविंद के शव को एंबुलेंस से बिहार के पश्चिमी चंपारण ले जाया गया है। इसके लिए चालक ने 40 हजार रुपये भाड़ा लिया। इससे परविंद की कमाई से क़र्ज़ चुकता होना तो दूर परिजनों पर 10 हजार रुपये का कर्ज और चढ़ गया।