मण्डी को अधिग्रहण से मुक्त कराने की मांग, कहा व्यापार होगा चौपट, मजदूर करेंगे पलायन 

झांसी। झांसी के भोजला (सीपरी बाजार) गल्ला मंडी के सैंकड़ों व्यापारियों व संबंधित कर्मचारियों ने गुरुवार को मुक्ताकाशी मंच से मार्च निकाल सिविल लाइंस स्थित सांसद आवास पर धरना दिया और भोजला मंडी के अधिग्रहण करने का विरोध किया। सूचना मिलने पर सांसद अनुराग शर्मा भी व्यापारियों के साथ जमीन पर बैठ गये। उन्होंने व्यापारियों से ज्ञापन लिया और उनकी समस्या को सुनकर निस्तारण कराने का आश्वाशन दिया।

गल्ला व्यापार मण्डल अध्यक्ष अतीत राय के नेतृत्व में भोजला गल्ला मण्डी के सभी कार्य बन्द कर निर्वाचन प्रक्रिया मे गल्ला मण्डी के अधिग्रहण के विरोध में व्यापारी, पल्लेदार मजदूर यूनियन के सभी पल्लेदार, मजदूर, मुनीम, कर्मचारी, नाकेदार, महिला कर्मचारियों के साथ मुक्ताकाशी मंच पर एकत्रित होकर, सैकड़ो साथियों के साथ नारे बाजी करते हुये शान्ती पैदल मार्च के साथ ईलाइट चौराहा होते हुये अनुराग शर्मा (सासंद) के निवास पर पहुंचे। सांसद के नहीं मिलने पर व्यापारी आदि प्रदर्शनकारी आवास के मुख्य गेट के सामने जमीन पर ही बैठकर सासंद को बुलाओ की मांग कर धरने पर गये।

सूचना मिलने पर कुछ ही समय में सासंद अनुराग शर्मा वहां पहुंचे और जमीन पर ही बैठकर व्यापारियों की समस्या सुनी व ज्ञापन लिया। सासंद ने आश्वास दिया कि इस मुद्दे पर DM से वार्ता की जायेगी कि व्यापार भी प्रभावित न हो और इस बार के चुनाव भी हो जायें। इस दौरान संरक्षक रमेश चन्द्र गुप्ता ने कहा कि 100 एकड़ की मण्डी है। पूरी मण्डी अधिग्रह करने से व्यापार ठप्प हो जाता है और पल्लेदार, मजदूर, कर्मचारी आदि बेरोजगार होकर भुखमरी की कगार पा आ जाते हैं। उपाध्यक्ष सन्तोष गुप्ता ने कहा कि अधिग्रहण होने से व्यापारियों के करोड़ों रुपया मजदूरी के अनावश्यक चले जाते हैं और दुकानों की गद्दी, केविन, कमरे आदि को तोड़-फोड़ कर हटा दिया जाता है। सम्पूर्ण मब्डी का अधिग्रहण ना किया जाये, हमे भोजला मण्डी में ही व्यापार करने दिया जाये। इस दौरान आलोक राय, अशोक अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, दीपक किल्लपन, शत्रुघ्न साहू, आशीष राम, सतीश राय, मुकेश अग्रवाल, संजीव सोनी आदि बड़ी संख्या में व्यापारी उपस्थित रहे। अंत में आभार महामंत्री अमन अग्रवाल ने व्यक्त किया।

दरअसल, जबसे झांसी के भोजला मंडी के चुनाव अधिग्रहण किए जाने की सूचना से व्यापारी परेशान हैं क्योंकि इससे थोक कारोबार के पूरी तरह से चौपट हो जाने व श्रमिकों के पलायन होने की संभावना प्रबल है। व्यापारियों ने बताया कि वर्ष 2019 में लोक सभा निर्वाचन के लिये भोजला गल्ला मण्डी का अधिग्रहण किया गया था तब यह मण्डी गल्ला व्यापारियों को आवंटित नहीं की गयी थी। आवंटित होने के बाद गल्ला व्यापारियों द्वारा निर्वाचन प्रक्रिया हेतु भोजला गल्ला मण्डी के अधिग्रहण का लगातार विरोध करता आ रहा है। चुनाव पर्यवेक्षक द्वारा जिलाधिकारी झांसी को वही नक्शा दिखाकर निर्वाचन कराने को कहा जाता है। हर दो ढाई साल में कोई न कोई निर्वाचन प्रक्रिया के लिए 2-3 महीनों के लिए भोजला गल्ला मण्डी का अधिग्रहण कर लिया जाता है। आये दिन मण्डी अधिग्रहण हो जाने के कारण हम व्यापारियों का व्यापार पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाता है और करोड़ों रूपया माल स्थानान्तरण करने में मजदूरी लग जाती है। साथ ही पल्लेदार, मजदूर, कर्मचारी बेरोजगार होकर भुखमरी की कगार पर आ जाता है तथा किसान भी अपनी उपज औने-पौने दामों में ग्रामीण व्यापारी को बेचने को मजबूर हो जाता है। जिससे शासन को भी करोड़ों रूपये की राजस्व की क्षति हो रही है।