लकड़ी के स्टापर लगा कर रोकी ट्रेन, रेलवे में मचा हड़कंप, जांच के आदेश

Punjab News (संवाद सूत्र)। रविवार को सुबह पंजाब में एक बेहद चौंकाने वाली ऐसी घटना सामने आई है जो भारतीय रेल के इतिहास में पहली है। यहां एक मालगाड़ी बिना ड्राइवर के करीब 84 किलोमीटर तक दौड़ती रही। संयोग रहा कि इस दौरान कोई जनहानि नहीं हुई। इस घटना से रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। ट्रेन को लकड़ी के स्टापर लगा कर पंजाब के दसूहा के पास रोका गया. रेलवे ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। फिलहाल बेलगाम दौड़ती मालगाड़ी का वीडियो सोशल मीडिया पर सुर्खियां बटोर रहा है।

दरअसल, रविवार सुबह जम्मू-कश्मीर के कठुआ रेलवे स्टेशन पर रुकी एक मालगाड़ी अचानक बिना लोको पायलट के पठानकोट की ओर चल पड़ी। यह ट्रेन ढलान के कारण बिना ड्राइवर के चलने लगी थी, जिसके बाद बिना ड्राइवर के ट्रेन करीब 84 किलोमीटर तक दौड़ती रही। इस घटना से रेलवे के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। आनन-फानन में कड़ी मशक्कत के बाद ट्रेन को पंजाब के मुकेरियां में ऊंची बस्सी के पास लकड़ी के स्टापर लगा कर रोका गया। जम्मू के डिवीजनल ट्रैफिक मैनेजर का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी गई है।

यह घटना रविवार सुबह करीब 7:10 बजे की है। जम्मू के कठुआ में लोको पायलट ने मालगाड़ी संख्या 14806R को रोका और ड्राइवर इंजन से उतर कर चाय पीने चला गया। इसी दौरान ढलान होने से ट्रेन अचानक चल पड़ी और स्पीड पकड़कर दौड़ने लगी।

ढलान के कारण 100 किमी की स्पीड से दौड़ती रही ट्रेन

पठानकोट की ओर ढलान होने के कारण ट्रेन अपने आप चलने लगी और धीरे-धीरे 100 किमी प्रति घंटे तक की गति पकड़ ली। श्रीवास्तव ने कहा, “अब लोको पायलट इंजन पर क्यों नहीं था और ट्रेन अपने आप कैसे चलने लगी, इन सभी पहलुओ जांच की जाएगी।” हालांकि डीटीएम ने कहा कि रेलवे ने ट्रेन को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया।

उन्होंने कहा, “हमने सभी स्टेशनों को सतर्क किया और पूरे स्टाफ को तैनात कर दिया। ट्रेन को किसी भी दुर्घटना से बचाने और उसे सुरक्षित पड़ाव पर लाने के लिए एक रेल ट्रैक तैयार किया गया। हम सफल हुए और ट्रेन को आखिरकार मुकेरियां के उच्छी बस्सी में रोक दिया गया।” श्रीवास्तव ने बिना किसी हादसे के ट्रेन रोके जाने के लिए स्टाफ की सराहना की है।