झांसी। इंडिया गठबंधन ने पूर्व केन्द्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य के नेतृत्व में बुंदेलखंड/ झांसी में हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से रबी की फसल को हुए बड़े नुकसान से पीड़ित किसानों को मुआवजा की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा।

ज्ञापन में बताया गया कि वर्ष 2004 के बाद यदि 2007 और 2011 को छोड़ दें तो यहां का किसान किसी मौसम में दोनों मुख्य फसल चक्र (रबी और खरीफ) की फसल नहीं ले पाया है। अब तो हालात इतने खराब हैं कि फसल जिस भी चक्र के समय पककर खेत में खड़ी होती है उसी समय मौसम बिगड़ने से हालात ऐसे हो जाते हैं कि फसल पूरी तरह से चौपट हो जाती है। फसल के लिए बीज खरीद से लेकर फसल तैयार होने तक किसान पूरी मेहनत करता है लेकिन मौसम की मार के चलतेे खेत में खड़ी या कटकर पड़ी फसल पूरी तरह से बरबाद हो रही है। ऐसे में बुंदेलखंड का गरीब किसान लगातार गरीबी के कुचक्र में फंसता जा रहा है। खेती के लिए लिया लोन फसल बरबादी के कारण उतार नहीं पाता है इसलिए यहां किसानों की आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रहीं हैं। दिनांक 02 मार्च 20204 दिन शनिवार देर शाम फिर देखने को मिला जब पहले चली तेज आंधी और उसके बाद आयी तेज बारिश और गिरे ओलों के प्रभाव में लगभग पूरे जनपद में गेंहू, चना , मटर और दलहन की फसलें पूरी तरह से बरबाद हो गयीं। खेत में तैयार खड़ी फसल जमीन पर बिछ गयी और कटकर खेत में पड़ी फसल भी पानी में डूब कर बरबाद हो गयी। वर्तमान सरकार से अनुरोध है कि किसानों को 1लाख प्रति हेक्टेयर मुआवजा देने की कृपा करें। जो पशुधन का नुकसान हुआ है उसका उचित मुआवजा दिया जाए।

किसानों की फसल ही उनका रोजी-रोटी का एकमात्र जरिया होता है ओलावृष्टि होने के कारण उनकी पूरी फसल बर्बाद हो गई है जिस कारण उन्हें खाने के लाले पड़ गए हैं इस स्थिति में सरकार को चाहिए कि वह किसानों को मुफ्त राशन दे और अपना राशन कोष खोलकर उनका भरण पोषण करें। इस आपदा के चलते जो किसान घायल हुए हैं उनका उचित इलाज करवाया जाए और उनके दवाइयां का खर्च भी उठाया जाए। कृषि वैज्ञानिक ऐसी आपदाओं में होने वाले नुकसान से बचने के लिए नई फसल चक्र के बारे में किसानों को जानकारी दी जाए ।
यदि मौसम के कारण फसल को बड़े पैमाने पर हो रहे नुकसान को देखा जाऐ तो अब समय आ गया है कि बुंदेलखंड और विशेषकर झांसी कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक मौसम के अनुसार इस क्षेत्र के फसल चक्र में बदलाव पर शोध करें। इस शोध की जानकारी बुंदेलखंड के सभी किसानों तक पहुंचायी जाएं ताकि ऐसी फसल अब यहां का किसान उगाना शुरू करे कि जनवरी तक फसल कटकर किसान के पास आ जाए। फरवरी मध्य से लेकर मार्च के डेढ़ माह के दौरान लगातार हम किसानों की फसल को व्यापक नुकसान हो रहा है।
इस क्षेत्र में वैज्ञानिक अनुसंधान के तत्परता से काम करने की जरूरत आ गयी है। अभी तक जो फसल चक्र यहां किसान अपना रहा है उसमें अपनी मेहनत का पूरा फल उसे किसी मौसम में भी नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में इस क्षेत्र के फसल चक्र को बदलने के लिए तेजी से काम होना जरूरी है। यदि फसल के बीमा की बात की जाए तो लगभग एक साल के हर मौसम में लगातार फसल बरबाद हो रही है इस स्थिति में फसल चक्र में बदलाव के लिए पूरी गंभीरता से काम किया जाना जरूरी है, तभी बुंदेलखंड क्षेत्र के किसानों को खेती से कुछ लाभ हो सकता है, अन्यथा की स्थिति में तो मेहनत कर अंत में फसल बरबादी पर रोने के अलावा यहां के किसान की किस्मत में अभी कुछ और नहीं बचा है।

इस मौैके पर समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह, अफजाल हुसैन, पूर्व मंत्री अजय सूद, विजय कुशवाहा, पूर्व महानगर अध्यक्ष मिर्जा करामत बेग, पूर्व पार्षद अखलाक मकरानी, एड. बाबूलाल अठोदना, जिला उपाध्यक्ष जीतू यादव, विधानसभा अध्यक्ष संजय पाल, युवजनसभा जिलाध्यक्ष विश्वप्रताप यादव, छात्र सभा म0 अध्यक्ष जयदेव शिवहरे, राहुल महालया, स्वदेश यादव, अमित यादव बबीना, अमित सिंह, अवरार अली, आरिफ खान, गौरव यादव, सोयव मकरानी, हरनाराण पाल, रोशन राजा, आकाश राठौर, राजकुमार, हरिओम श्रीवास, आसमा शाहनवाज खान, नवीन यादव, शशांक यादव, अमीर चंद आदि लोग प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।