झांसी। परमार्थ समाज सेवी संस्थान एवं बुन्देलखण्ड अभियान्त्रिकी व प्रौद्योगिकी संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में बीआईईटी, कोंछाभवर के सभागार में 22 मार्च को विश्व जल दिवस के अवसर पर वाटर लीडर्स कन्वेंशन का आयोजन किया जा रहा है। इस कन्वेंशन का मुख्य उददेश्य लोगों में जल संरक्षण के बारे में जागरूकता लाना है एवं जो बुन्देलखण्ड क्षेत्र में अद्वितीय कार्य कर रहे है, उन्हें सम्मानित करना है।

कन्वेंशन के संयोजक संजय सिंह ने बताया कि जल शांति एवं विवाद दोनों को उत्पन्न कर सकता है। जब जल की कमी या लोगों को असमान या कोई पहुंच नहीं होती है, तो समुदायों, राज्यों और देशों के बीच तनाव बढते है। वर्तमान में वैश्विक रूप से 3 अरब से अधिक लोग उस जल पर निर्भर करते हैं जो राष्ट्रीय सीमाओं को पार करता है। बुन्देलखण्ड में भी जल संकट को प्रकोप लगातार बढ रहा है। पूरे प्रदेश में सबसे ज्यादा तापमान बुन्देलखण्ड के क्षेत्रों में रहता है। इसका सीधा असर हमारी आर्थिक एवं सामाजिक समृद्धि पर पड रहा है।
जल संकट की समस्याएं भले ही वैश्विक एवं देशव्यापक हैं, लेकिन स्थानीय स्तर पर ही प्रभावी रूप से उनका सामना किया जा सकता है। पूरे देश में कई ऐसे क्षेत्र है जहां पानी ने उस क्षेत्र के गांवों में लोगों के जीवन में शांति कैसे आयी है, यह साफ तौर पर स्पष्ट होता है। बुन्देलखण्ड जैसे क्षेत्र में सामुदायिक नियंत्रित से जल संरक्षण के साथ संभावित परिवर्तन के जीवंत उदाहरण हैं।