झांसी | जनपद के बबीना विकासखण्ड में स्थित सिमरावारी गाँव में जल सहेलियों ने अनोखी पहल की शुरुआत की है। उन्होंने घुरारी नदी को पुनर्जीवित करने के लिए 6 दिनों तक श्रमदान किया और बोरी बंधान करके नदी को जिन्दा कर दिया । जल सहेलियों ने केवल एक नदी के पुनर्जीवन का काम ही नहीं किया है , बल्कि इससे उन्होंने समाज को एक महत्वपूर्ण संदेश भी दिया है। वर्षों से टूटे चेकडैम के कारण नदी मृतप्राय हो गई थी, लेकिन जल सहेलियों ने स्वयं के परिश्रम और समझ से इस महत्वपूर्ण कार्य को संभाला। उन्होंने बिना किसी सरकारी गैर सरकारी मदद से टूटे चेकडैम को बोरी की मदद से बाँध दिया।
नदी में भरे गए पानी ने स्थानीय लोगों को नहाने, जानवरों के पानी पीने एवं आस-पास के कुओं को रिचार्ज करने में सहायता प्रदान की है। इस अद्भुत पहल से पता चलता है कि जहाँ चाह है, वहां राह है। परमार्थ के प्रमुख संजय सिंह की प्रेरणा से महिलाओं ने बिना समय गवाएं इस काम की शुरुआत कर दी |
गर्मियों में पानी के संचयन के लिहाज से अब यह पानी स्थानीय लोगों के नहाने , जानवरों के पानी पीने एवं आस-पास के कुओं को रिचार्ज करने में सहायक साबित होगा | गौरतलब है कि अभी गर्मियों का तीन महीने का समय है और उन्होंने जो पानी का संचयन किया है , वह उन्हें अगली बरसात तक पानी देगा |
जल सहेली मीरा बताती हैं कि उत्साह इतना अधिक था कि रात-रात भर में नींद भी नहीं आती थी | जब नदी में पानी भर गया और गर्दन तक पानी देखकर आज हम सबका उत्साह बहुत बढ़ा है | जल सहेलियां आगे भी जल संरक्षण, संवर्धन एवं प्रबंधन के लिए प्रयास करती रहेंगी |