बसपा नेताओं ने जयंती पर पुष्पांजलि अर्पित की

झांसी। बहुजन समाज पार्टी के तत्वाधान में देश में सामाजिक परिवर्तन के महानायक शिक्षा की ज्योति को प्रचलित करने वाले काछी माली समाज में जन्मे, महात्मा ज्योतिबा राव फुले की 197 वी जयंती के मौके पर कानपुर बाईपास पर स्थित उनकी प्रतिमा पर पुष्पांजलि और विचार संगोष्ठी का कार्यक्रम आयोजित भी किया गया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए झांसी ललितपुर संसदीय क्षेत्र के प्रत्याशी एडवोकेट राकेश कुशवाहा बरुआ ने कहा महात्मा ज्योतिबा राव फुले ने बाल विवाह का विरोध विधवा, विवाह का समर्थन किया। उन्होंने समाज में फैली को कुप्रथा और अंधश्रद्धा के जाल से समाज को मुक्त करना चाहते थे । उन्होंने अपना पूरा जीवन महिलाओं को शिक्षा प्रदान कराने में लगा दिया।

अध्यक्षता करते हुए जिला अध्यक्ष जयपाल सिंह अहिरवार ने कहा की 19वीं सदी में महिलाओं को शिक्षा नहीं दी जाती थी। महात्मा फुले महिलाओं को स्त्री पुरुष भेदभाव से बचना चाहते थे। उन्होंने बालिकाओं के लिए भारत देश की पहली पाठशाला पुणे में बनाई थी।और वो महिलाओं की तत्कालीन दयनीय स्थिति से बहुत दुखी होते थे। झांसी मंडल प्रभारी बी डी फुले ने अपने संबोधन में कहा कि मैंने जब से महात्मा ज्योतिबा राव फुले को पड़ा तो अपने सरनेम के आगे फुले लगाना ही उचित समझा। उनका योगदान देश के लिए है अतुलनीय है।जिला

उपाध्यक्ष ठाकुर विपिन सिंह ने अपने संबोधन में कहा महात्मा फुले ने निश्चय किया कि वह समाज में क्रांतिकारी बदलाव लाकर ही रहेंगे। उन्होंने अपनी धर्मपत्नी सावित्रीबाई फुले को स्वयं शिक्षा प्रदान करा कर भारत की प्रथम महिला शिक्षा का बनाने का कार्य भी किया था।

इस मौके पर यशवर्धन कुशवाहा, धन प्रसाद अहिरवार, जिला सचिव संतोष वर्मा, कोमल बौद्ध, नीरज गुप्ता, सुधा प्रशांत चौधरी, राजू नगरा, ओमप्रकाश सविता, विकास गौतम भोजला, पार्षद सुंदर कुशवाहा आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।