झांसी।  तृतीय दिवसीय पावन पुण्य श्री मद भागवत कथा के दौरान परम देव ज्ञानी शुखदेव महाराज से राजा परीक्षित ने पूछा कि जो लोग मृत्युरमुखिय है अर्थात जो काल के ग्रास बनने वाले हैं उनको मोक्ष का क्या साधन है ,यह प्रश्न सुनते ही सुखदेव महाराज गदगद हो गए। बोले है राजन आपने सम्पूर्ण जगत के उत्थान एवम मोक्ष के लिए यह प्रश्न पूछकर मुझे प्रफुल्लित कर दिया क्योकि इस प्रश्न से सम्पूर्ण विश्व का कल्याण होने वाला है । इससे तो सम्पूर्ण लोक का कल्याण करने बाला प्रश्न है ।

है परीक्षित इस संसार के लोग आधा से ज्यादा जीवन सोने में ही निकाल देते है । बाकी समय कुटुंब पालन के लिए धनोपार्जन में लगा देते है। धनोपार्जन करना गलत नही है पर जिस परमात्मा ने यह मनुष्य शरीर दिया उसको भी याद करने का वक्त निकालो अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए क्योंकि हम सब के पास भी सिर्फ सात दिन रविवार से शनिवार तक है सबसे पहले आसान को जीतो, अपनी सांसों को जीतो फिर अपनी इंद्रियों को जीतो और ईश्वर में अपने ज्ञान को केंद्रित करें। भगवान के स्वरूप का ध्यान करें । इससे सांसारिक कल्याण तो होगा ही साथ ही परलोक के कल्याण भी होगा। महाराज श्री ने अनेकों मधुर भजन भी प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर आर के सहरिया, एसके अग्निहोत्री, प्रमोद दीक्षित, के के गुप्ता, पंकज गुप्ता, मैथिली मुद्गल, महेश रावत, पूरन तिवारी, सुधा किशोर, उषा नायक, सुशील शर्मा, अपर्णा शर्मा, ज्योति, उर्वशी भट्ट सहित सैंकड़ों की संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।