झांसी में देवर्षि नारद के जन्मोत्सव पर संगोष्ठी आयोजित
झांसी। विश्व संवाद केंद्र के तत्वावधान में बीकेडी के स्वर्ण जयंती सभागार में नारद जयंती समारोह समिति झांसी महानगर द्वारा आयोजित आद्य पत्रकार देवर्षि नारद जी के जन्मोत्सव (जयंती) पर संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रदेश प्रभारी मप्र हिंदुस्थान समाचार एजेंसी व फिल्म सेंसर बोर्ड के सलाहकार समिति भारत सरकार के सदस्य डा मयंक चतुर्वेदी ने बताया कि जिस तरह देवर्षि नारद देवताओं से लेकर दानवों तक के संदेश वाहक रहे हैं उसी प्रकार वर्तमान में मीडिया भी शासन, प्रशासन व समाज के बीच समन्वयक हैं। उन्होंने नारद शब्द की व्याख्या करते हुए कहा कि यदि उस समय आज की भांति मीडिया होता तो अंग्रेजों को देश छोड़ने में इतना समय नहीं लगता। देश का मीडिया बहुत सशक्त है। सच को निर्भीकता से सामने रखते हुए पत्रकार राजसत्ता से भी टकराने से पीछे नहीं हटते हैं। श्री चतुर्वेदी ने कहा कि नारद जी ने लोक कल्याण के लिए पत्रकारिता की। पत्रकार लोक कल्याण के लिए सकारात्मक खबरों पर काम करें, समाज की ज्वलंत समस्याओं को निडरता से उजागर करें, तभी यह नारद जयंती मनाना सार्थक होगा। उन्होंने फिल्मों व टीवी सीरियलों में नारद जी के चरित्र को गलत तरीके से चित्रांकन चिंता व्यक्त करते कहा कि सही मायने में उत्तर प्रदेश से ही नारद जी को आदर्श के रूप स्थापित किया गया, लखनऊ से प्रारंभ नारद जयंती देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मनाई जाने लगी है। उन्होंने जल संचयन व वृक्षारोपण करने का संकल्प लेने का आव्हान भी किया।
बढ़ते जल संकट की भयावह चुनौतियों पर सावधान किया
मुख्य अतिथि राष्ट्रीय संयोजक जल जन जोड़ों अभियान व सदस्य वर्ड वाटर काउंसिल डा संजय सिंह ने दिनों दिन बुन्देलखण्ड में विकराल होती जा रही पानी की समस्या की ओर ध्यान आकर्षित कराते हुए जल संचयन पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम सबके बीच खासी चुनौतियां हैं क्योंकि आने वाला समय और भी आपदाओं का है, जिस तरह तापमान में बेतहाशा वृद्धि होती जा रही है, पारा 50 को भी पार कर गया है, जल स्तर गिरता जा रहा है। आद्रता समाप्त हो जाने पर स्थिति और भी भयावह होगी। 20 साल बाद नदियों का बहना बंद हो जाएगा, जिसके लिए हमें अभी से सचेत रहना होगा। उन्होंने कहा कि नारद जी ने खबरों का आदान-प्रदान कर पत्रकारिता का सूत्रपात किया था, जिसका निर्वाहन आज संघर्षशील मीडिया द्वारा बखूबी निभाया जा रहा है। पत्रकारों के सामने भी चुनौतियां हैं, सोशल मीडिया ने इन चुनौतियों को और बढ़ा दिया है, जिसके चलते पत्रकारों को संवेदनशीलता से दायित्वों का निर्वहन करना होगा।
पत्रकारों को आर्थिक सबलता व सामाजिक सुरक्षा मिले
अध्यक्षता करते हुए बीकेडी प्राचार्य डा एसके राय ने कहा कि बेबाकी से देवताओं से लेकर असुरों के बीच पहुंच कर संवाद करने वाले नारद जी के सही चरित्र को सामने लाना बेहद जरूरी है। समाज में अत्यंत कठिनाई व चुनौतियां हैं, जिन्हें उजागर करना एक कठिन काम है, लेकिन सच सामने लाने के लिए डरना नहीं है, कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा जाता है, सबसे महत्वपूर्ण भूमिका चौथे स्तंभ की ही होती है,समाज व राष्ट्र आपसे बहुत अपेक्षाएं करता है। अपेक्षाएं तो बहुत है लेकिन संवैधानिक तो दूर मीडिया को आज तक वैधानिक दर्जा भी नहीं मिल सका है। पत्रकारों को आर्थिक सबलता और सामाजिक सुरक्षा मिलनी चाहिए। उन्होंने देश में शिक्षा व्यवस्था के पूंजीपतियों के हाथ में जाने से व्यवसायीकरण पर चिंता जताते हुए शिक्षण संस्थानों को सुव्यवस्थित किए जाने पर भी जोर दिया।
इस दौरान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया क्लब अध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह यादव, झांसी मीडिया क्लब अध्यक्ष मुकेश वर्मा, इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन जिलाध्यक्ष राजेश कुमार चौरसिया, हेमन्त गुप्ता आदि ने स्मृति चिन्ह भेंट कर व शाल ओढ़ाकर अतिथियों का सम्मान किया। गोष्ठी में उपजा जिलाध्यक्ष सोनिया पाण्डे, वरिष्ठ पत्रकार राम सेवक अड़जरिया, शीतल तिवारी, लक्ष्मी नारायण शर्मा, प्रभात सक्सेना, रिपूसूदन नामदेव, सारश्वत, देवेन्द्र शुक्ला, रवि शर्मा, दीपचंद चौबे, अमित सोनी, रोहित झा, रानू साहू, वैभव सिंह, दीपक त्रिपाठी, इमरान खान, अमित रावत, भरत कुलश्रेष्ठ, बबलू रमैया, राहुल उपाध्याय, मैथिली शरण मुदगिल, राष्ट्र भक्त संगठन के केन्द्रीय अध्यक्ष अंचल अड़जरिया, हर्षिता पटैरिया, हरि प्रिया आदि उपस्थित रहे। संचालन कार्यक्रम संयोजक महेश पटैरिया ने व आभार जितेंद्र मिश्रा ने व्यक्त किया।












