10 जलती मशालों के साथ मल्लखम्भ का प्रदर्शन रोमांचित रहा 

झांसी । उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान संस्कृति विभाग लखनऊ व एमेच्योर मल्लखम्भ एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में बुन्देलखण्ड के विभिन्न अंचलों से आए मल्लखम्भ के 350 बालक बालिकाओं द्वारा सामूहिक प्रदर्शन कर विश्व कीर्तिमान स्थापित किया गया। कार्यक्रम में अमरावती महाराष्ट्र से आए उमेश कदम ने 10 जलती मशालों के साथ मल्लखम्भ कर दर्शकों को रोमांचित किया।

वर्ल्ड रिकॉर्ड्स बुक ऑफ इण्डिया के प्रतिनिधि सुषमा नार्वेकर और संजय नार्वेकर ने मापदंडो के अंर्तगत स्थापित किए गए विश्व कीर्तिमान को स्वीकार करते हुए विश्व कीर्तिमान की घोषणा की। उन्होंने आयोजक उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी व एमेच्योर मल्लखम्भ एसोसिएशन के अध्यक्ष संजीव कुमार सरावगी, सचिव रविप्रकाश परिहार, कोषाध्यक्ष अनिल पटेल को प्रमाणपत्र सौंपा।

कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि महापौर बिहारी लाल, आर्य विशिष्ट अतिथि शिक्षक विधायक डॉ बाबूलाल तिवारी, पूर्व शिक्षा मंत्री रवींद्र शुक्ल, विधान परिषद सदस्य रामतीर्थ सिंघल, दर्जा प्राप्त राज्य मंत्री हरगोविंद कुशवाहा, पूर्व भाजपा अध्यक्ष प्रदीप सरावगी, संस्कार भारती प्रदेश महामंत्री नरेश चंद्र अग्रवाल, मल्लखम्भ फेडरेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष मेनपाल सिंह आदि उपस्थित रहे ! अध्यक्षता उत्तर प्रदेश मल्लखम्भ एमेच्योर एसोसियेशन के अध्यक्ष संजीव सरावगी द्वारा की गई !

प्रारंभ में अतिथियों ने बल के प्रतीक हनुमान जी महाराज एवं वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए दीप प्रज्वलित किया।अतिथियों का स्वागत रवि प्रकाश परिहार, अनिल पटेल, नागेंद्र वर्मा, बृजेश द्विवेदी, संजीव त्रिपाठी, संस्कृति विभाग के उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्था के निदेशक अतुल द्विवेदी, एवं संस्थान के अवधेश अवस्थी, राजेश शर्मा अंगवस्त्र पहनाकर एवं स्मृति चिन्ह देकर किया गया।कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक संजय तिवारी राष्ट्रवादी एवं संजीव कुमार त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से किया।

उक्त अवसर पर अरिंदम घोष, अंचल सरावगी, जैनुल, रंजीत सिंह परिहार, डा, अतुल प्रताप सिंह, अर्जुन सिंह चांद, गजानन खंवावलकर, अशोक गुप्ता, देवराज चतुर्वेदी, धीरज श्रीवास्तव, सुनील रायकवार, नरेंद्र साहू, संतराम पेंटर, देवी सिंह कुशवाहा,राजेंद्र प्रसाद श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे ! अंत में उत्तर प्रदेश लोक एवं जनजाति संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी द्वारा सभी के प्रति आभार व्यक्त किया गया।