सुसाइड नोट में लिखा- स्कालरशिप हेतु बीमार मां के साथ अफसरों के पास गई, अब घुटन हो रही
झांसी। जिले में थाना बड़ागांव क्षेत्र में शुक्रवार सुबह लगभग 18 वर्षीय होनहार छात्रा की लाश पेड़ पर फंदे से लटकी मिलने से सनसनी फ़ैल गई। छात्रा को आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाला सरकारी तंत्र है। इसका गवाह वह सोसाइड नोट है जिसमें उसने लिखा छात्रवृति के लिए सरकारी तंत्र से परेशान हो चुकी थी। पिछले कई महीनों से वह भटक रही थी, लेकिन कहीं से कोई हेल्प नहीं हुई। इसलिए उसने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
जिले के बड़ागांव थाना क्षेत्र के बराठा गांव की रहने वाली थी मृतका संजना। पिता ने बताया- मेरी बेटी बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी से स्पोर्ट्स कोर्स BPES की पढ़ाई कर रही थी। साथ में एनसीसी में भी भागीदारी कर रही थी। घर की आर्थिक हालत ठीक नहीं थी, इसलिए बेटी ने छात्रवृति के लिए आवेदन किया था। ताकि वह अपनी पढ़ाई को आगे जारी रख सके। लेकिन, छात्रवृति के लिए बेटी पिछले 3 माह से बहुत ज्यादा परेशान रहती थी।
पिता ने बताया- गुरुवार रात को पूरे परिवार ने खाना खाया। इसके बाद बेटी संजना अपनी मां और छोटी बहन के साथ कमरे में सोई थी। जबकि मैं बेटे के साथ बरामदे में लेटा था। रात को बेटी न जाने कब उठकर घर के पास बने बगीचे में चली गई और वहां रस्सी से अमरूद के पेड़ पर फंदा बनाकर झूल गई। जब सुबह करीब 6 बजे जगे तो बेटी चारपाई पर नहीं थी। तलाश किया तो उसकी लाश अमरूद के पेड़ पर फंदे से लटकी थी। इसके बाद ग्रामीण एकत्र हो गए और पुलिस को सूचना दी गई।
छात्रा ने मरने के पहले सुसाइड नोट में क्या लिखा…
पिता ने बताया कि पेड़ के नीचे बेटी की चप्पल और एक सुसाइड नोट रखा था। सुसाइड नोट में लिखा था- मैं यह नोट इसलिए लिख रही हूं। ताकि पता चल सके कि मैंने यह कदम क्यों उठाया। मेरी छात्रवृति 28 हजार रुपए आनी थी, मगर नहीं आई। कॉलेज में सबकी छात्रवृत्ति आ चुकी लेकिन मेरी नहीं आई है। इसके लिए विकास भवन झांसी तक हो आई। उन्होंने बोला कि तुम्हारा आधार कार्ड फीडिंग नहीं है। मैंने वापस आकर देखा तो बैंक वालों ने बोला कि आधार फीडिंग है। साइबर कैफे पर चेक करवाया तो पता चला कि दो महीने तक आ जाएगी। मैं विकास भवन बड़े अफसरों के पास मम्मी के साथ गई। उनकी तबीयत खराब थी, लेकिन मैं लेकर गई। दो महीने से ज्यादा हो गए, लेकिन छात्रवृति नहीं आई तो हमें अंदर से घुटन होने लगी। हमने बहुत मेहनत की थी और हमारी नहीं आई। हो सके तो माफ कर देना, इस कदम के लिए… संजना।
छात्रा की खुदकुशी ने सरकारी तंत्र की लापरवाह पूर्ण कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल पुलिस ने शव को कब्जे में ले कर पोस्टमार्टम हेतु भेज दिया है।













