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झांसी। बुधवार को होने वाले रेलवे की ईसीसी सोसाइटी के डेलीगेट का चुनाव निष्पक्ष व शांति पूर्ण तरीके से सम्पन्न कराने की सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। झांसी मंडल में 17,231 रेल कर्मचारी 19 डेलीगेट चुनेंगे। मंगलवार को दो मान्यता प्राप्त व एक गैर मान्यता प्राप्त रेल कर्मचारी यूनियनें अपने अपने डेलीगेट को जितने के लिए हवा का रुख अपनी ओर मोड़ने के लिए पूरी ताकत झोंके रहीं।

झांसी मंडल में 19 डेलीगेट के चुनाव हेतु मतदान 27 बूथों पर होगा। डीआरएम कार्यालय, डीजल शेड, एसी शेड, स्टेशन, वर्कशॉप, स्टोर, रेल कोच कारखाना में बूथ बनाए जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य स्थानों पर भी बूथ बनेंगे, ताकि रेलकर्मी आसानी से वोट डाल सकें। मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम छह बजे तक चलेगा। मतदान में झांसी के 11,676, वर्कशॉप के 2,670, झांसी स्टोर व एमएलआर के 619, ग्वालियर के 1,955 व मानिकपुर के 311 रेल कर्मचारी अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे। मतगणना अगले दिन बृहस्पतिवार को होगी।

इस बार मान्यता प्राप्त संगठन एनसीआरएमयू व एनसीआरईएस के अलावा गैर मान्यता प्राप्त संगठन यूएमआरकेएस ने अपने अपने प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान नेताओं ने अपने अपने संगठन को कर्मचारियों का हितैषी साबित करने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। यूनियन के पदाधिकारी कम ब्याज दर, गारंटर की बाध्यता समाप्त करने, लोन का बीमा कराने, चक्रवर्ती ब्याज समाप्त करने, दुर्घटना होने पर परिवार को आर्थिक सहायता देने, मेधावी छात्र-छात्राओं को पुरस्कार देने आदि के मुद्दे उठाते हुए रेल कर्मचारियों के बीच पहुंचते रहे। इस दौरान कतिपय कर्मचारियों द्वारा एक संगठन छोड़ दूसरे का झंडा थामने की प्रक्रिया भी चली। इस प्रक्रिया से संबंधित संगठन के डेलीगेट चुनने में कितनी असर करेगी यह भविष्य तय करेगा।

गौरतलब है कि लंबे समय से इस सोसाइटी पर नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन (#NRMU) का कब्जा बना हुआ है। हजारों करोड़ का लेनदेन करने वाली इस सोसाइटी का चुनाव दोनों यूनियनों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस ईसीसी सोसाइटी का विस्तार मध्य रेल के पांचों मंडलों – मुंबई, पुणे, भुसावल, नागपुर, सोलापुर – के अलावा पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर, भोपाल, और उत्तर मध्य रेलवे के झांसी, आगरा व प्रयागराज मंडल तक है। सोसाइटी अभी तक शेयर होल्डर को लोन देती है और डिवीडेंड का वार्षिक भुगतान करती है। शेयर होल्डर कर्मचारियों के बच्चों को परीक्षाओं में पास होने पर पुरस्कृत भी करती है।

हालांकि ऐसी अन्य जोनल सोसाइटियों की तरह ही ईसीसी सोसाइटी के निदेशकों पर भी सोसाइटी के पैसे के दुरुपयोग, नौकरियों में भाई भतीजावाद का आरोप समय-समय पर लगता रहा है और यूएमआरकेएस इसे मुद्दा बना कर मतदाताओं के बीच में है और यह समझाने की कोशिश कर रही है कि दोनों मान्यता प्राप्त संगठन उनके हितैषी नहीं हैं।