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दतिया मप्र (संवाद सूत्र)। लगातार वर्षा के चलते गुरुवार को तड़के मप्र के दतिया के खलकापुरा में राजगढ़ किले के परकोटे की लगभग 400 साल पुरानी दीवार की तलहटी में बने मकानों पर गिर गई। जिससे मलवे में मकानों में मौजूद 9 लोग दब गए. पुलिस ने दो लोगों को सुरक्षित बचा लिया, जबकि मलबे से 7 लोगों के शव निकाले गए हैं। मृतकों में 5 लोग एक ही परिवार हैं, जबकि दो लोग उनके रिश्तेदार हैं। इस हादसे पर सीएम मोहन यादव ने दुख जताया है.

दरअसल, दतिया में 24 घंटे से अधिक समय से लगातार बारिश जारी है। गुरुवार को तड़के लगभग 3 बजे बारिश से खलकापुरा में पुराने फिल्टर के पास राजगढ़ किले के परकोटे की खण्डों की दीवार तलहटी में बने कुछ मकानों पर गिर गई जिसमें 9 लोग मलबे में दब गए। सूचना पर पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंचा और राहत कार्य शुरु किया गया। पुलिस ने मलबे से 3 लोगों के शव निकाल लिये थे और लोगों को सुरक्षित बचाया लिया था। वहीं चार लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान जारी रहा। दोपहर तक पुलिस ने मलबे में दबे सभी चार लोगों  को निकाल लिया, लेकिन तब तक सभी की मौत हो चुकी थी। सूचना पर पुलिस अधीक्षक, जिला कलेक्टर, SDOP भी मौके पर पहुंच गए।

बताया जा रहा है कि किले के आसपास सुरक्षा के लिए चार सौ साल पहले दतिया रियासत के राजा ने खण्डों की दीवार का निर्माण कराया था लेकिन समय के थपेड़ो से यह कमजोर हो चुकी थी। हालांकि स्थानीय लोगों ने इस पर कब्जा भी कर लिया था, इसलिए इसे तोड़कर रिंगरोड बनाने का काम चल रहा था लेकिन बीते 36 घंटों से जारी बारिश की वजह से अचानक गुरुवार अल सुबह तीन चार बजे तेज आवाज के साथ यह दीवार भरभरा कर ढह गई।

जैसे ही पत्थर गिरना शुरू हुए तो जिन घरों पर मलबा गिरा तो मकानों में सो रहे लोगों ने भाग कर जान बचाने की कोशिश की, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी। कुछ लोग तो निकलने में सफल रहे लेकिन इस हादसे में 9 लोग मलबे के बीच दब गए। आस पास के लोगों ने तुरंत मलबा हटाकर कुछ लोगों को अस्पताल पहुंचाया साथ ही प्रशासन को भी घटना की सूचना दी।

घटना की जानकारी लगते हैं पुलिस प्रशासन और एसडीआरएफ की टीम भी मौके पर पहुंची और लोगों का रेस्क्यू करना शुरू किया लेकिन बड़े पत्थर और सकरा रास्ता होने की वजह से JCB मशीन को मौके पर पहुंचने में काफी परेशानी हुई। ऐसे में मलबे से लोगों का रेस्क्यू शुरू होने में अभी देर लग गई। इस हादसे में 9 लोग मलबे में दबे थे, जिनमें से सुबह 9 बजे तक 3 लोगों के शव निकाल लिये गए थे, वहीं दो लोगों को सुरक्षित निकाला गया. चार लोग मलबे में दबे रहे जिनके दोपहर 12 बजे तक शव निकाले गए।

इधर मौके पर पहुंचा प्रशासन जब मलबा हटाने में जुटा था तो स्थानीय लोगों ने भी जमकर हंगामा कर दिया। लोगों का आरोप था कि मलबा हटाने के लिए उचित प्रयास नहीं किए जा रहे हैं, रेस्क्यू की रफ्तार काफी धीमी है।

मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हादसे पर जताया दुख

हादसे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दुख जताया है. उन्होंने ‘X’ पर ट्विट करते हुए कहा कि, ”दतिया में राजगढ़ किले की पुरानी दीवार ढहने से कई अनमोल जिंदगियों की मृत्यु का समाचार अत्यंत ही पीड़ादायी है। दुःख की इस घड़ी में हम सभी शोकाकुल परिवारों के साथ हैं। घटना की सूचना मिलते ही SDERF तथा जिला प्रशासन की टीम द्वारा तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था, लेकिन संकरा रास्ता होने की वजह से अथक प्रयासों के बावजूद भी इन अनमोल जिंदगियों को बचाया नहीं जा सका. मृतकों के परिवारजनों को ₹4-4 लाख की आर्थिक सहायता राशि प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। परमपिता परमात्मा से दिवंगतों की पुण्यात्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान देने व शोकाकुल परिजनों को यह वज्रपात सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं। ”