बुंदेलखंड भर के एक दर्जन संगठनों की अगुवाई करेंगे राजा बुंदेला, ललितपुर के तुवन मैदान से शुरू होकर विभिन्न स्थानों पर होते हुए झांसी पहुंचेगी यात्रा

तैयारी बैठक में बुंदेलखंड भर से जुटे प्रतिनिधि व नेता, संयुक्त मोर्चा बनाकर राज्य निर्माण के लिए भरी हुंकार

ओरछा/ झांसी। पृथक बुंदेलखंड राज्य के लिए आगामी 12 अक्टूबर से प्रारम्भ हो रही पद यात्रा की तैयारियों के लिए रविवार को राम राजा की नगरी ओरछा के रुद्राणी कलाग्राम व शोध संस्थान में बुंदेलखंड भर से बुन्देलखण्ड राज्य समर्थक संगठनों के प्रतिनिधियों ने एकत्रित होकर विचार विमर्श एवं मंथन किया और सभी ने तन मन धन से सहयोग देने की बात कही। बैठक में बुंदेलखंड राज्य निर्माण के लिए बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा का गठन किया गया। इस संयुक्त मोर्चा के तत्वाधान में बुंदेलखंड पृथक राज्य निर्माण के सभी समर्थक एक मंच पर आकर 12 अक्टूबर से ललितपुर के तुवन मैदान से पदयात्रा शुरू करेंगे ।

बुंदेलखंड विकास बोर्ड के उपाध्यक्ष राजा बुंदेला के नेतृत्व में निकलने वाली पदयात्रा में लगभग एक दर्जन से अलग संगठन व स्वयंसेवी संस्थाएं भाग ले रहीं है। 12 अक्टूबर से ललितपुर के तुवन मंदिर प्रांगण से पदयात्रा का शुभारम्भ होगा। पदयात्रा ललितपुर से शुरू होकर देलवारा, जखौरा, बांसी, बार, पूराकला, तालबेहट, बबीना ,खेलार बिजौली, झांसी में आकर 25 अक्टूबर को यात्रा का समापन होगा।

यात्रा में झारखण्ड के पूर्व सांसद सूरजमंडल, गोरखालैंड के नेता मनीश तमंग, तेलंगाना के पी निरुप, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अशोक चौबे सहित अन्य क्षेत्रों के प्रतिनिधि भाग लेंंगे। बैठक के प्रारंभ में बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के केन्द्रीय अध्यक्ष स्व शंकर लाल मेहरोत्रा को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। बैठक में मुख्य अतिथि पश्चिमी उप्र के नेता व बार कॉन्सिल आगरा के पदाधिकारी अशोक चौबे ने बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चे के बैनर तले होने वाली इस पदयात्रा के लिए शुभकामनायें देते हुए कहा कि उप्र जैसे बड़े राज्य का विभाजन आज की अहम जरूरत है और केन्द्र सरकार पर दबाव बनाने के लिए हर पृथक राज्य माँगने वाले क्षेत्रों के नेताओं को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता है।

राजा बुंदेला ने कहा कि 35 साल हो गए उन्हें बुंदेलखंड की लड़ाई लड़ते हुए। अब एक करारी चोट करने की जरूरत है तभी बुंदेलखंड राज्य के लिए केन्द्र सरकार को मजबूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भाजपा छोटे राज्यों की पक्षधर है और जनभावनाओं को देखते हुए बुंदेलखंड राज्य बनाने के लिए सबको मिलकर काम करने की जरूरत है।

बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हरिमोहन विश्वकर्मा ने कहा कि यह पदयात्रा बुंदेलखंड आंदोलन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है। बुंदेलखंड क्रांति दल के सत्येंद्र पाल सिंह ने बुंदेलखंड के गौरव की रक्षा की बात करते हुए कहा कि सरकार को हमें वहीं बुंदेलखंड प्रान्त लौटाना चाहिए जो 1956 में भंग किया गया था। बुंदेलखंड यूनिवर्सिटी के डॉ पुनीत विसारिया ने बुंदेली बोलीं और संस्कृति के लिए बुंदेलखंड को जरुरी बताया तो प्रो. नईम ने बुंदेली अस्मिता और पहचान का जिक्र करते हुए कहा कि बुंदेलखंड राज्य के रास्ते में आड़े आ रहे जयचंदों को पहचाने जाने की जरूरत है।

बैठक को टीकमगढ़ से आये महेन्द्र विश्वकर्मा, फिल्म अभिनेता आरिफ शहडोली, डॉ आर एन राय, संजय सिंह बाँदा, भानु मिश्रा, शिवम चौहान, आर एन उपाध्याय, पुष्पेंद्र सिंह चौहान आदि ने भी सम्बोधित किया। बैठक का संचालन बुंदेली सेना प्रमुख व पदयात्रा के संयोजक डॉ आश्रय सिंह ने किया।

पदयात्रा के लिए बनी रणनीति

बैठक के दूसरे सत्र में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने पदयात्रा के लिए रणनीति व योजना तैयार की। इस अवसर पर बुंदेलखंड मुक्ति मोर्चा, बुंदेली सेना, बुंदेलखंड क्रांति दल, बुंदेलखंड जनशक्ति मोर्चा बाँदा, बुंदेलखंड नवनिर्माण सेना, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, राष्ट्रीय राजपूत करनी सेना, बुंदेलखंड अधिकार मंच सहित विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में जिला पंचायत सदस्य झांसी प्रतिपाल सिंह, ओंकार सिंह, रामकुमार साहू, धर्मेंद्र साहू, अजय झा, संचित मेहरोत्रा, मोहित परमार, राहुल परमार, पवनदीप निषाद, मानसिंह तोमर, देवेंद्र सिंह परिहार, अरविन्द सेंगर, डॉ आर के सिंह, एस पी सिंह, पूर्व पार्षद झांसी प्रदीप गुप्ता, आकाश झा, रोहित कुशवाहा, धनंजय सिंह, हरीश शुक्ला, चंद्रमोहन राय, मानवेन्द्र सिंह बैस, मकरेन्द्र सिंह तोमर, श्रीकृष्ण सिंह चौहान, धर्मेंद्र सिंह औन्ता, भानु सिंह, पी के सिंह, प्रेमकुमार मिश्रा, प्रवीण भार्गव आदि विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।