Oplus_131072

राहत: मालगाड़ी के एक बाक्स के नीचे जीपीएस ट्रैकर डिवाइस निकली

झांसी । गुरुवार सुबह उमरे के झांसी रेल मंडल के बिजौली रेलवे स्टेशन पर खड़ी मालगाड़ी में बम होने की सूचना पर अफरातफरी मच गई। सूचना मिलते ही जीआरपी, आरपीएफ और सिविल पुलिस के अफसर व बम डिस्पोजल स्क्वाएड मौके पर पहुंच गई। जांच पड़ताल के बाद मालगाड़ी के एक बाक्स के पहियों के पास जीपीएस ट्रैकर डिवाइस निकलने पर सभी ने राहत की सांस ली। जीआरपी ने इस डिवाइस को जब्त कर लिया। संभावना है कि चोरी से बचाने के लिए लगाया होगा डिवाइस। इस मामले की जांच की जा रही है।

दरअसल, कोयला भरकर मालगाड़ी छत्तीसगढ़ से चलकर राजस्थान के सूरजगढ़ थर्मल प्लांट जा रही थी। यह मालगाड़ी गुरुवार की सुबह दस बजे झांसी रेल मंडल के बिजौली रेलवे स्टेशन के पास खड़ी हो गई। मालगाड़ी खड़ी होने के बाद रेलवे गार्ड सीएल मीना ने ट्रेन को चेक करना शुरू किया। चेकिंग करते समय गार्ड डिब्बे से दो डिब्बे आगे एक डिब्बे के नीचे पहियों के पास संदिग्ध डिवाइस रखी दिखाई दी। उसमें हरी लाइट ब्लिंक कर रही थी। यह देख घबराये गार्ड ने तत्काल रेलवे कंट्रोल रुम को सूचना दी कि मालगाड़ी के बाक्स के नीचे बम जैसी वस्तु नजर आ रही है। इससे अफरा तफरी मच गई। इसकी सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह, रेल सुरक्षा बल के वरिष्ठ मंडल सुरक्षा आयुक्त विवेक नारायण, जीआरपी सीओ नईम मंसूरी समेत अन्य अधिकारी व पुलिस टीम बिजौली स्टेशन पर पहुंच गई।

गार्ड द्वारा बताए गए बाक्स के निचले हिस्से को देखा गया तो संदिग्ध डिवाइस में लाइट ब्लिंक होती मिली। बम निरोधक दस्ते ने डिवाइस को सावधानी पूर्वक निकाल कर करीब आधा घंटे तक जांच की गई। जांच में पता चला कि यह बम नहीं, बल्कि किसी ने जीपीएस ट्रैकर डिवाइस रखी है। इसके बाद अफसरों ने राहत की सांस ली। बाद में जीआरपी ने डिवाइस को जब्त कर लिया। बाद में पूरी मालगाड़ी को चेक करने के बाद आगे रवाना किया गया।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सुधा सिंह का कहना है कि आरपीएफ ने सूचना दी कि प्रेमनगर थाना क्षेत्र के बिजौली स्टेशन पर मालगाड़ी के अंदर बम नुमा वस्तु रखी है। इस सूचना पर आरपीएफ व जीआरपी के अफसर मौके पर पहुंचे। मालगाड़ी के डिब्बों की जांच करवाई गई। जांच में जीपीएस ट्रैकर डिवाइस निकली। बताया गया है कि जिस कंपनी का कोयला जा रहा था, उसी के द्वारा डिवाइस लगाई गई होगी। जांच के दौरान पाया कि मालगाड़ी में लदे कोयले को ट्रैक करने के लिए कंपनी की ओर से ट्रैकिंग डिवाइस जीपीएस लगाया गया था। टीम ने गंभीरता से जांच करने के बाद ट्रैकिंग डिवाइस जीपीएस होने की सूचना रेल विभाग को दी। जिसके बाद जानकारी मिली कि मालगाड़ी में जा रहे कोयले को चोरी से बचाने के लिए मालिक की ओर से ट्रैकिंग डिवाइस जीपीएस लगाया गया था।