झांसी बाल कल्याण समिति के समक्ष 2 माह में 38 मामले आए
झांसी। घर से पलायन करने में बालिकाओं ने बालकों को काफी पीछे छोड़ दिया है। इसका उदाहरण यह कि झांसी में बाल कल्याण समिति के समक्ष दो माह में बालिकाओं के किन्हीं न किन्ही कारणों से घरों से भागने के 38 मामले आए। बाल कल्याण समिति की टीम की कार्यप्रणाली से इन बालिकाओं का भविष्य अंधकारमय होने से बच गया और यह सकुशल अपने माता-पिता के संरक्षण में पहुंच गई। शुक्रवार को भी घरों से पलायन करने वाली तीन बालिकाओं को बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिनमें दो मुजफ्फरनगर की तथा एक बालिका दिल्ली की थी। मुजफ्फर नगर की दो बालिकाओं को उनकी मां के संरक्षण में सोंपने के आदेश पारित किये गये तथा एक बालिका को वन स्टाप सेंटर भेज दिया गया।
बाल कल्याण समिति अध्यक्ष राजीव शर्मा ने साहू जागरण डॉट कॉम को बताया कि अभी दो माह भी पूरे नहीं हुए हैं और बाल कल्याण समिति के समक्ष 38 बालिकाओं को पुलिस व चाइल्ड लाइन द्वारा प्रस्तुत किया जा चुका है इनमें से अधिकांश बालिकायें दिल्ली, गोरखपुर, दार्जिलिंग, गाजियाबाद, टीकमगढ, झांसी, निवाड़ी, कुशीनगर और गोन्डा की थीं। सभी बालिकाओं की स्टोरी लगभग एक जैसी है। किसी के भी गुमराह करने व सब्जबाग दिखाने पर बालिकायें बिना सोचे समझे घर से बाहर निकल पड़ती हैं उसका महत्वपूर्ण कारण है बालिकायें अत्याधिक संवेदनशील होती हैं उनको गुमराह करना बालकों की अपेक्षा बहुत आसान होता है।
अध्यक्ष ने बताया यह आंकडा केवल झांसी का है अन्य बड़े जनपदों में तो इनकी संख्या और अधिक होगी। जब कि पिछले दो माह में बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत हुए बालकों की संख्या मात्र 17 रही। उन्होंने बताया कि समिति द्वारा इस तरह की बालिकाओं को समझा कर उनके भविष्य को अंधकारमय होने से बचा कर उनके परिजनों से मिलवाया तो उनकी खुशी की सीमा नहीं रही।
मुजफ्फर नगर की दोनों बालिकायें स्कूल जाने के लिए घर से बैग लेकर निकली थीं। वहां से स्कूल न जाकर ट्रेन से गाजियाबाद चली गयी। गाजियाबाद से दिल्ली और दिल्ली से बैंगलोर जाते समय आर0पी0एफ0 की सतर्कता से बालिकायें पकड़ी गयीं और गलत हाथों में जाने से बच गयीं। इसी प्रकार दिल्ली से केरल जा रही किशोरी को भी उसके साथ जाने वाला युवक झांसी स्टेशन पर छोड़कर भाग गया जिसे आर0पी0एफ0 ने चाइल्ड लाइन को सौंप दिया।
मुजफ्फर नगर की दोनों बालिकाओं को उनकी मां के संरक्षण में सौंपने के आदेश पारित किये गये तथा एक बालिका को वन स्टाप सेंटर भेज दिया गया। समिति की कार्यवाही के दौरान अध्यक्ष राजीव शर्मा, सदस्य कोमल सिंह, हरीकृष्ण सक्सैना , दीप्ति सक्सैना व सहायक मो0 साजिद उपस्थित रहे।










