
झांसी। लोग यादगार सुर्खियां बटोरने के लिए अजब गजब कारनामे व कार्यक्रम करते हैं। वैवाहिक समारोह को यादगार बनाने के लिए अभी तक हैलीकॉप्टर, लग्जरी कारों या फिर बैलगाड़ियों से दुल्हन की विदाई होने के वीडियो सोशल मीडिया की सुर्खियां बटोरते रहे, लेकिन झांसी में दुल्हन की विदाई के काफिले को जिसने देखा वह मुस्कराए बिना नहीं रहा और वीडियो बनाने की होड़ लग गई। देखते ही देखते यह विदाई सोशल मीडिया पर जबरदस्त ट्रेन्ड होने लगी।
अब हम बताते हैं दुल्हन की विदाई के अनोखे काफिले के ट्रेंड होने की वजह। दरअसल जनपद झांसी के रक्सा थाना क्षेत्र के आजाद नगर में निवासी मुन्नीलाल यादव के तीन बेटे हैं। सबसे छोटा बेटा राहुल यादव की झांसी की करिश्मा से 20 फरवरी को शादी हुई। बारात सामान्य तरीके से गई थी। जब सुबह विदाई हुई तो पूरे शहर शादी की चर्चा होने लगी।
शादी के बाद दूसरे दिन दुल्हन की विदाई को खास बनाने के लिए अचानक समारोह स्थल पर दर्जनभर बुलडोजर पहुंच गए, जिन्हें देखकर पहले तो सभी चौंक गए । बाद में जब पता चला कि यह बुलडोजर किसी कार्यवाई के लिए नहीं बल्कि दुल्हनिया को विदा कराने के लिए दूल्हा पक्ष की ओर से आए हैं।
विवाह समारोह स्थल से दुल्हन की विदाई तो कार में हुई, किंतु उसके पीछे एक दर्जन बुल्डोजर के काफिले पर सवार बरातियों की टोली डांस करते निकल पड़ी। बुल्डोजर वाली यह विदाई आकर्षण का सबब बन गई। सड़क पर निकल रहे लोग रुक रुक कर विदाई काफिले को देख कर मुस्कुराते और वीडियोग्राफी करते नज़र आए।
दुल्हे के चाचा रामकुमार ने बताया कि ‘यूपी में बाबाजी का बुलडोजर काफी लोकप्रिय है और उनके पास भी कई बुलडोजर हैं, इसलिए उन्होंने शादी को यादगार बनाने के लिए बुलडोजर से विदाई कराई। दुल्हा राहुल ने कहा- सभी को अच्छा लग रहा था, दोस्त व रिश्तेदारों ने बोला इसलिए बुलडोजर को विदाई में शामिल किया गया।
बुलडोजर हमारे परिवार के ही हैं
दूल्हा राहुल यादव ने बताया कि उत्तर प्रदेश में सभी लोग बुलडोजर को बाबा का बुलडोजर के नाम से जानते हैं, जो अवैध निर्माण पर चलता है। ऐसे में मैंने सोचा कि क्यों न बुलडोजर को विदाई में शामिल किया जाए। कुछ बुलडोजर हमारे परिवार के ही हैं। वहीं, कुछ मिलने वालों के थे।