• एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों को दिया प्रशिक्षण
    झांसी। राष्ट्रीय सेवा योजना के तत्वाधान में बाबू वृन्दावनलाल वर्मा सभागार में विश्वविद्यालय एवं सम्बद्ध महाविद्यालयों के कार्यक्रम अधिकारियों की प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए कुलपति प्रो. जे. वी. वैशम्पायन ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना, छात्रों व शिक्षकों को आपसी सामंजस्य से समाज की सेवा करने का मंच प्रदान करता है। शिक्षा कक्षा तक सीमित न रहे, बल्कि समुदाय और समाज को भी शिक्षा का लाभ मिले, इसके लिए सम्मिलित प्रयास किए जाने की जरुरत है। कार्यक्रम अधिकारियों का दायित्व छात्रों को समाज से जोडना है, ताकि आपसी सहयोग के माध्यम से सामाजिक बदलाव को गति मिल सके। उन्होनें आव्हान किया कि वे एन.एस.एस. के माध्यम से छात्रों को सामुदायिक सहभागिता के लिए प्रेरित करें तथा राष्ट्र की सेवा में अपना योगदान दें।
    कार्यशाला को मुख्य अतिथि के रुप में सम्बोधित करते हुए प्रभारी वित्त अधिकारी प्रो. एस. के. कटियार ने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा तकनीकी का प्रयोग किया जाना स्वयं सेवकों को आधुनिकता से जोडऩा है। तकनीकी के प्रयोग से अभिलेखों का सरलीकरण होगा तथा योजनाओं का क्रियान्वयन भी पारदर्शी तरीके से होगा। सम्पत्ति अधिकारी डॉ. डी. के. भट्ट ने कहा कि एनएसएस के माध्यम से विश्वविद्यालय को पॉलीथिन मुक्त किए जाने के कार्य भी सराहनीय है। कार्यक्रम अधिकारी डॉ. एस. के. कुरील ने संवेदनशील समाज के निर्माण में एनएसएस की भूमिका से अवगत कराया। प्रारम्भ में कार्यक्रम समन्वयक डॉ. मुन्ना तिवारी ने स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों से अवगत कराया तथा भावी कार्ययोजनाओं को कार्यक्रम अधिकारियों के समक्ष रखा।
    कार्यशाला के प्रथम सत्र में डॉ. मुहम्मद नईम ने विश्वविद्यालय परिसर की गतिविधियों को प्रस्तुत करते हुए एनएसएस में संभावनाओं तथा अवसरों के विषय में अवगत कराया, वहीं कार्यशाला के दूसरे सत्र में विश्वविद्यालय के साफ्टवेयर ऐंजीनियर प्रमोद कुमार मौर्या ने एनएसएस की ऑनलाइन व्यवस्था से अवगत कराते हुए ऑनलाइन आवेदन, कैम्प आवेदन तथा भविष्य में ऑनलाइन प्रमाणपत्र निर्गत करने सम्बन्धी प्रावधानों का प्रस्तुतिकरण दिया, तीसरे सत्र में लेखा लिपिक दीपक उपाध्याय ने एनएसएस खातों के संचालन एवं रखरखाव सम्बन्धी प्रस्तुतिकरण दिया। इस अवसर पर उपस्थित कार्यक्रम अधिकारियों की अभिलेखीकरण तथा वित्तीय प्रावधानों से सम्बन्धित जिज्ञासाओं का समाधान भी वक्ताओं द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ. श्वेता पाण्डेय, डॉ. उमेश कुमार, डॉ. शिल्पा मिश्रा, डॉ. यतीन्द्र मिश्रा, डॉ. एच. डी. भारती, डॉ. अंजूलता, डॉ. शिवप्रकाश त्रिपाठी, डॉ. रोबिन सिंह, डॉ. कमलेश कुमार, डॉ. सुरजीत सिंह, डॉ. शारदा सिंह, डॉ. मिली भट्ट, डॉ. मनीष गुप्ता, रामजी यादव, रफीक मुहम्मद सहित विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों के एक सौ पन्द्रह कार्यक्रम अधिकारी उपस्थित थे। संचालन वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डॉ. मुहम्मद नईम ने व आभार वीर भूमि राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सुशील बाबू द्वारा व्यक्त किया गया।