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डिप्टी एस एस ने किया उपचार, पुलिस ने नहीं की मदद व आरोपी को नहीं पकड़ा 

झांसी। वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर खड़ी ट्रेन में जरनल सीट पर बैठने के पैसे नहीं दिए तो कुली ने गुंडागर्दी दिखाई और बिल्ला मार कर एक यात्री का सिर फोड़ दिया। रक्त रंजित यात्री को डिप्टी एसएस कार्यालय लाया गया तो दबंग कुली भी पहुंच गया, किंतु पकड़ा नहीं गया।

पुलिस ने उसे यह कहकर जाने दिया कि उसे बाद में पकड़ लेंगे। युवक का कहना है कि पुलिस ने उसे यह कहकर अस्पताल भेज दिया कि भर्ती हो जाओगे केस अच्छा बनेगा।

जिला महोबा के कुलपहाड़ अंतर्गत सेवाड़ी गांव निवासी अभिषेक अपने भाई प्रिंस के साथ गुजरात के वापी की एक कंपनी में काम करते हैं। सोमवार की शाम 6 बजे दोनों वापी जाने के लिए वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पहुंचे और प्लेटफार्म नंबर चार पर खड़ी झांसी-बांद्रा एक्सप्रेस के जनरल कोच में बैठ गए। इस दौरान एक कुली वहां आया और प्रिंस से 100 रुपए की मांग करने लगा। जब उसने कहा कि किस बात के पैसे मांग रहे हो तो कहा कि सीट पर बैठने के पैसे लगते हैं। इस पर दोनों भाइयों ने पैसे देने से इनकार कर दिया।

प्रिंस का कहना है कि पैसा देने से मना करने पर कुली गाली-गलौज करते हुए बिल्ला उतार कर उसे पीटना शुरू कर दिया। जब वह उससे बचने के लिए ट्रेन से बाहर भागा तो उसके दूसरे साथियों ने पकड़ लिया और हमलावर कुली ने उसके सिर पर पीतल का बिल्ला मार दिया, जिससे उसका सिर फट गया। इसके बाद आरोपी मौके से भाग गए। मौके पर पहुंची आरपीएफ उसे घायल अवस्था में लेकर डिप्टी एसएस कार्यालय पहुंची। यहां आन ड्यूटी डिप्टी एसएस एसके नरवरिया ने यात्री को कुर्सी पर बिठाकर उसके जख्म साफ कर रूमाल से खून बंद करने का प्रयास किया और उसे मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।

पीड़ित यात्री प्रिंस ने आरोप लगाया कि जब वह डिप्टी एसएस कार्यालय में था तो हमलावर कुली भी वहां आ गया था। उसे देख कर भाई अभिषेक ने कुली को पकड़ने को कहा, पुलिस ने उसे यह कहकर छोड़ दिया कि उसे अभी जाने दो बाद में पकड़ लेंगे। इतना ही नहीं उसके खिलाफ रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की गई। इसके बाद दुखी मन से दोनों भाई यात्रा स्थगित कर वापस अपने गांव लौट गए।