18 साल बाद हाइकोर्ट ने सजा सुनाई
झांसी। शहर कोतवाली क्षेत्र में दिनदहाड़े हुए बहुचर्चित चौहरे हत्याकांड के दोषी कृष्णपाल उर्फ लला मैरी को हाईकोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस केस में उसे सेशन कोर्ट ने बरी कर दिया था। इस पर हाईकोर्ट में अपील की गई थी। 18 साल बाद हाईकोर्ट ने लला यादव को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा से दंडित किया है। उसे 45 दिन के अंदर सरेंडर करने के आदेश दिए हैं। इस केस में 15 साल पहले 8 दोषियों को उम्रकैद हुई थी। यशपाल यादव और लला को बरी किया गया था। निचली कोर्ट के यशपाल को बरी करने के आदेश को यथावत रखा गया है।
कोतवाली थाना में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार, 2007 में कुख्यात बदमाश मैरी गांव के यशपाल सिंह यादव के घर पर पुलिस ने दबिश दी थी। मौके से भारी मात्रा में विस्फोटक और असलहे बरामद हुए थे। यशपाल को संदेह था कि इसकी मुखबिरी पूर्व प्रधान अशोक यादव ने की है। इससे यशपाल और उसका परिवार अशोक से रंजिश रखने लगा। 18 मार्च 2007 को यशपाल ने धमकी दी कि यदि मुझे जेल जाना पड़ा तो जेल में रहकर पूरे खानदान को मरवा दूंगा।
30 मार्च 2007 को जब अशोक बड़ागांव गेट बाहर अपने चचेरे भाई की दुकान पर साथियों के साथ बैठे थे तभी बोलेरो और बाइक से मैरी गांव के कृष्णपाल उर्फ लला यादव, उसके 3 भाई शिशुपाल यादव, सुमित यादव और शीतल यादव, मैरी के अरविंद यादव, रामपाल यादव, लखन यादव, रवि यादव, अजब सिंह राइफल व तमंचा लेकर आए। सभी ने ताबड़तोड़ गोलियां चला दीं। इस दौरान गोली लगने से कोंछाभांवर निवासी कमलेश की मौके पर मौत हो गई थी जबकि, अशोक, देवेंद्र और अरविंद को मेडिकल कॉलेज में मृत घोषित कर दिया है। वहीं दो लोग घायल हुए थे। दिनदहाड़े हुए इस चौहरे हत्याकांड से पूरे प्रदेश में सनसनी फैल गई थी। केस में यशपाल यादव को भी आरोपी बनाया गया था।
इस चौहरे हत्याकांड में झांसी की निचली कोर्ट ने 18 मई 2010 को फैसला सुनाया था। इसमें कृष्णपाल उर्फ लला यादव और यशपाल को बरी कर दिया था जबकि 8 अभियुक्तों को दोष सिद्ध होने पर उम्र कैद की सजा सुनाई थी। इस पर अभियोजन पक्ष ने हाईकोर्ट ने अपील दायर की थी। 25 फरवरी को हाईकोर्ट ने कृष्णपाल उर्फ लला को दोषी मानते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई है। वहीं, यशपाल को बरी करने के आदेश को यथावत रखा है।













