ग्वालियर स्टेशन पर संपर्क क्रांति ट्रेन से दूध लेने उतरी थी महिला
झांसी। ग्वालियर स्टेशन पर आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस से दूध लेने उतरी मां से उस समय 10 माह की अबोध बिछुड़ गई जब मां के पहुंचने से पहले ट्रेन चल पड़ी। यह देख कर महिला रेलवे स्टेशन पर बदहवास होकर विलखने लगी। इसकी जानकारी मिलने पर आरपीएफ ने महिला को ढांढस बंधाया और करीब 101 किमी आगे वीरांगना लक्ष्मीबाई झांसी स्टेशन पर जब ट्रेन रुकी तो झांसी आरपीएफ ने बच्ची को सकुशल ट्रेन से उतार लिया। इसकी जानकारी मिलने पर महिला ने राहत की सांस ली और दूसरी ट्रेन से महिला को आरपीएफ ने ग्वालियर से झांसी भेजा। यहां जब आरपीएफ ने बच्ची को सकुशल सौंपा तो महिला के खुशी से आंसू निकल पड़े और बच्ची को सीने से लगा कर आरपीएफ की सराहना करती रही।
दरअसल शुक्रवार को दिल्ली से चलकर झांसी की ओर आ रही 12708 आंध्र प्रदेश संपर्क क्रांति एक्सप्रेस जैसे ही ग्वालियर रेलवे स्टेशन से रवाना हुई तो एक रेलयात्री ने डीएससीआर को सूचना देते हुए बताया कि ट्रेन के गार्ड के बगल से दूसरे जनरल कोच में 10 महीने की बच्ची अकेली रह गई है और उसकी मां ग्वालियर स्टेशन पर है। इस सूचना पर आरपीएफ स्टॉफ सक्रिय हो गया।
जैसे ही ग्वालियर से चल कर आई ट्रेन झांसी रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर दोपहर लगभग पौने बारह बजे आकर खड़ी हुई तो आरपीएफ स्टॉफ बताए गए कोच में गया। यहां एक यात्री 10 महीने की बच्ची के साथ मिला। यह यात्री मुन्ना निवासी ब्रीजपुर, थाना चरखारी, जिला महोबा अपनी पत्नी आशा के साथ दिल्ली से महोबा तक यात्रा कर रहा था। यात्री ने बताया कि बच्ची की मां दूध लेने के लिए ग्वालियर रेलवे स्टेशन पर उतर गई और उसके आने से पहले गाड़ी चल पड़ी। इससे वह महिला गाड़ी में नहीं चढ़ पाई। ग्वालियर से झांसी तक मुन्ना व उनकी पत्नी आशा ने बच्ची को संभालकर रखा।
झांसी स्टेशन पर आरपीएफ प्रभारी निरीक्षक ने दूध मंगाया और बच्ची को पिलाया गया। आरपीएफ की महिला स्टॉफ ने बच्ची को संभाला। इसकी सूचना मिलने पर रेलवे चाइल्ड लाइन झांसी की महिला सदस्य सुपरवाइजर भारती गहलोत व सुपरवाइजर नेहा देवी आरपीएफ पोस्ट आईं। यहां पर आरपीएफ टीम ने बच्ची को रेलवे चाइल्ड लाइन टीम के सुपुर्द कर दिया।
उधर, बच्ची के झांसी में सकुशल मिलने की सूचना पर ग्वालियर से आरपीएफ ने दूसरी ट्रेन से बच्ची की मां को झांसी भेज दिया। यहां कानूनी कार्रवाई के बाद बच्ची को उसकी मां की गोद में लौटा दिया गया। बच्ची को सकुशल देख मां के आंसू छलक पड़े। उसने आरपीएफ की सराहना की।











