• बुन्देलखण्ड में मत्स्य पालन की सम्भावनाओं पर करेंगे चर्चा
    झांसी। बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के जन्तु विज्ञान विभाग में सह आचार्य डॉ. इकबाल खान मलेशिया के पेनांग शहर में स्थित वल्र्ड फिश सेंटर के वैज्ञानिकों के साथ मत्स्य विज्ञान में विश्व स्तर पर हो रहे शोध कार्यो के लिए अपने शोध के परिणामों के साथ गहन मंथन करेंगे। उल्लेखनीय है कि डा. इकबाल विगत काफी समय से बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के जन्तु विज्ञान विभाग में भातर सरकार के विभिन्न विभागों से अनुदानित परियोजनाओं के माध्यम से बुन्देलखण्ड क्षेत्र की मछिलियों पर शोध कार्य कर रहे हैं। उनके शोध कायों की गुणवत्ता के आधार पर डा. इकबाल को विदेशों में भी कई बार आमंत्रित किया जा चुका है।
    वर्तमान में डा. इकबाल मलेशिया के पेनांग शहर में स्थित वल्र्ड फिश सेंटर का भ्रमण कर उक्त संस्थान के विख्यात वैज्ञानिकों डा. किले एलेक्जेंडर, डा. फियोना आर्मट्रांग व डा.चडाग वीएम के साथ स्माल स्केल फिशरीज एण्ड ऐक्वाकल्चर विषय पर गहन मंथन कर बुन्देलखण्ड क्षेत्र में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के लिए मलेशिया के वल्र्ड फिश सेंटर के साथ साझा परियोजना संपादित करने की संभावनाओं पर भी विचार करेंगे।
    उल्लेखनीय है कि पूर्व में भी बीयू व सेंट्रल इन्लैण्ड फिशरीज रिसर्च इंस्टीट्यूट, बैरकपुर कोलकाता के साथ वल्र्ड फिश सेंटर, द्वारा वित्त पोषित योजना पहूज बांध में मत्स्योत्पादन की वृद्धि वर्ष 2006-2009 में परियेाजना पर सफलतापूर्वक संचालित कर चुके हैं। उक्त परियोजना के कारण पहूज बांध में मत्स्य उत्पादन ढाई गुना बढ़ गया था। परियोजनाकाल में वल्र्ड फिश सेंटर के वैज्ञानिकों द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को फिशरीज के लिए आदर्श संस्थान माना था। यदि वल्र्ड फिश सेंटर के साथ स्माल स्केल फिशरीज एण्ड एक्वाकल्चर पर कोई परियोजना मिल जाती है तो वह परियोजना बुन्देलखण्ड क्षेत्र के मछुआरे समुदाय और सीमांत कृषकों की आय वृद्धि के लिए वरदान साबित होगी। इसके अतिरिक्त डा. इकबाल मलेशिया के आधुनिक मत्स्य पालन इकाईयों का भी भ्रमण करेंगे। इससे पूर्व डा.क्रिस बेन्स, डा. वी. वी. सुगुनन, डा. एस. अय्यपन, डा. ए. के.दास, डा.एन.पी.श्रीवास्तव, डा.के.के.वास, डा.वी.एस.लाकरा, डा.सलीम सुुलतान आदि विख्यात मत्स्य वैज्ञानिक बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय का भ्रमण कर चुके हैं।