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झांसी। भारतीय रेलवे की सतर्कता एवं जिम्मेदारी का एक और उत्कृष्ट उदाहरण तब देखने को मिला जब गाड़ी संख्या 16032 में यात्रा के दौरान टिकट जांच कर्मियों की सतर्क निगाहों ने घर से भागे एक छोटे बच्चे को सुरक्षित उसके परिवार तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यदि यह बच्चा निकल जाता तो उसका भविष्य अंधकारमय हो सकता था।

दरअसल गाड़ी संख्या 16032 में 26 मार्च 2025 को झांसी से इटारसी के बीच यात्रा के दौरान, कोच संख्या B1 में कार्यरत टिकट जांच निरीक्षक बी. डी. मीणा ने एक छोटे बच्चे को अकेले एवं असहाय अवस्था में देखा। बच्चे से पूछताछ करने पर यह स्पष्ट हुआ कि वह अपने घर से बिना बताए निकल गया था और गंतव्य का कोई ठिकाना नहीं था।

स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए बी. डी. मीणा ने तत्काल रेल सुरक्षा बल (RPF) से संपर्क किया। उनकी त्वरित कार्रवाई के चलते, बच्चे को बीना रेलवे स्टेशन पर RPF के हवाले कर दिया गया। इसके उपरांत, रेलवे एवं सुरक्षा बल की संयुक्त कार्रवाई से बच्चे के परिवार से संपर्क स्थापित किया गया और उसे सुरक्षित रूप से उनके सुपुर्द कर दिया गया।

रेलवे प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के प्रति सदैव प्रतिबद्ध है। इस सराहनीय कार्य के लिए टिकट जांच निरीक्षक श्री बी. डी. मीणा एवं रेल सुरक्षा बल की प्रशंसा की गई। भारतीय रेलवे अपने कर्मियों को सतर्क एवं जागरूक रहने के लिए प्रेरित करता है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा एवं सुविधा सुनिश्चित की जा सके।