Oplus_16908288

झांसी। कभी कभी जिंदगी इतनी भारी हो जाती है कि उसका बोझ उठाए नहीं उठता और थक-हार कर मौत के आगोश में विश्राम करना पड़ता है। झांसी के बड़ागांव के पाली के 42 वर्षीय अधेड़ भी जिंदगी बोझ लगने लगी और उसने मौत के पास पहुंचने का ऐसा रास्ता चुना कि लोग दहल उठे।

शुक्रवार सुबह बड़ागांव के पाली गांव निवासी युवक ने खेत में तमंचे से गोली मारकर खुदकुशी कर ली। पिछले तीन साल से वह कैंसर पीड़ित था। परिजन का कहना है कि उपचार में फायदा न होने पर वह हताश हो गया था। इस वजह से उसने आत्मघाती कदम उठाया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजन को सौंप दिया है।

दरअसल, यह कहानी बड़ागांव के पाली गांव निवासी कृषक सोबरन यादव (42) पुत्र नाथूराम की है। वह अपने परिवार के पालन-पोषण के लिए खेती करता था। परिवार में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा था, किंतु एक बीमारी ने हंसती-खेलती जिंदगी में ग्रहण लगा दिया। परिजन के मुताबिक, करीब तीन साल पहले उसे मुंह का कैंसर हो गया। उसका झांसी समेत लखनऊ और मुंबई में इलाज कराया गया। दो बार ऑपरेशन हुआ, लेकिन आराम नहीं मिला। ऑपरेशन के बाद उनको दर्द रहने लगा। लाखों रुपये इलाज में खर्च भी हो चुका था। करीब तीन बीघा जमीन भी बेच दी। उपचार में फायदा न होने से वह इतना परेशान हो गया कि उससे छुटकारा के लिए आत्महत्या करना ही एकमात्र विकल्प दिखाई दिया।

शुक्रवार सुबह करीब आठ बजे वह अपने खेत पर गया था। उसी दौरान उसने खुद को अवैध तमंचे से गोली मार ली। गोली चलने की आवाज सुनकर आसपास के लोग जब पहुंचे, वह खून से लथपथ जमीन पर पड़ा था। गोली सिर से निकलकर आरपार हो गई थी।

सूचना पर बड़ागांव पुलिस भी पहुंच गई और जांच पड़ताल कर मौके से तमंचा व शव को कब्जे में ले लिया। शव को पोस्टमार्टम उपरांत परिजनों को सौंप दिया है। मृतक के परिवार में बेटी और बेटा है। बेटी की वह शादी कर चुका था। पत्नी गीता की कई साल पहले मौत हो चुकी थी। अब पुलिस मौत के सामान तमंचा कहां से आया का पता कर रही है।