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2 मई को महर्षि बृम्हानंद समाधि स्थल ” राठ ” जनपद हमीरपुर से शुरू होगी 

झांसी। पृथक बुंदेलखंड राज्य निर्माण की मांग हेतु जन जागरण अभियान के तहत “बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा” के तत्वावधान में राजा बुंदेला के नेतृत्व में जारी ” गाँव- गाँव पांव -पांव यात्रा “ के दो चरण में मिले भारी जनसमर्थन के साथ सफलता पूर्वक सम्पन्न होने के बाद अब तृतीय चरण शुरू किया जा रहा है।

यात्रा का नेतृत्व कर रहे जुझारू राजा बुंदेला ने बताया कि यात्रा तृतीय चरण में- राठ, हमीरपुर, महोबा पहुंचेगी। उन्होंने बताया कि यात्रा 02 मई 2025 महर्षि बृम्हानंद जी समाधि स्थल ” राठ ” जनपद हमीरपुर से प्रारंभ होगी। यात्रा का समापन : 15 मई 2025 महोबा में होगा। उन्होंने जन सामान्य से बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन में सहयोग देने की अपील की है।

उन्होंने यात्रा के साथ बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण से होने वाले लाभ के बारे में sahujagran.com (प्रमुख हिन्दी न्यूज़ पोर्टल) से विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण की लड़ाई बहुत समय से लड़ीं जा रही है। आजादी के बाद 12 मार्च 1948 को बुन्देलखण्ड राज्य बनाया गया और पहले मुख्यमंत्री कामता प्रसाद सक्सेना बने और नौगांव राजधानी बनी। बाद में राजनीतिक कुचक्र के चलते बुन्देलखण्ड राज्य को समाप्त कर, बुन्देलखण्ड क्षेत्र को दो भागों में विभाजित कर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में बांट दिया गया।

उत्तर प्रदेश सरकार सात जिलों झाँसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, चित्रकूट, हमीरपुर व महोबा को बुन्देलखण्ड क्षेत्र मानती है। मध्य प्रदेश सरकार छह जिलों सागर, पन्ना, दमोह, छतरपुर, टीकमगढ़ व दतिया को बुन्देलखण्ड क्षेत्र मानती है। केन्द्र सरकार इन तेरह जिलों को बुन्देलखण्ड क्षेत्र मानकर बुन्देलखण्ड पैकेज देती है। इस प्रकार बुन्देलखण्ड क्षेत्र को लेकर कोई विवाद नहीं है।

उन्होंने बताया कि प्रसिद्ध उद्योगपति स्व. शंकरलाल महरोत्रा व अन्य तमाम नेताओं ने अपना पूरा जीवन बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण आन्दोलन के लिये लगा दिया, लेकिन अभी तक बुन्देलखण्ड राज्य निर्माण का आन्दोलन उस ऊँचाई तक नहीं पहुंचा, जिससे राज्य या केन्द्र की सरकार को एक अलग राज्य बनाने के लिए प्रेरित किया जा सके। हमें इस आन्दोलन को आगे बढ़ाना है। इसी तारतम्य में 12अक्टूबर 2024 को बुंदेलखंड संयुक्त मोर्चा के तत्वावधान में ललितपुर के तुभमन मंदिर सरकार से “गांव गांव , पांव पांव ” यात्रा को प्रारंभ किया गया था जो जनपद ललितपुर और जनपद झांसी के विभिन्न शहरों और गांवों से होते हुए 24 अक्तूबर को झांसी पहुंची थी व सफल प्रथम चरण का विश्राम झांसी नगर के इलाइट चौराहे पर किया गया था ।

प्रथम चरण को मिले व्यापक जन समर्थन से द्वितीय चरण का मार्ग प्रशस्त हुआ। “गांव गांव, पांव पांव यात्रा का द्वितीय चरण जनपद जालौन के “रक्तदांतिक शक्ति पीठ सेंदनगर कोटरा” से 26 दिसंबर से हुआ है जो ऐट ,कोंच, बंगरा, माधौगढ़, रामपुरा, जगम्मनपुर, ऊमरी, कुठौंद, जालौन, चुर्खी, कदौरा ,कालपी होते हुए 10 जनवरी उरई टाउनहाल पर समापन हुआ। द्वितीय चरण भी बुंदेलखंड राज्य के लिए लोगों में अलख जगाने में सफल रहा।

अब तृतीय चरण – की यात्रा का शुभारम्भ 02 मई 2025 महर्षि बृम्हानंद जी समाधि स्थल ” राठ ” से मुस्तकरा, बिमार, निवादा, हमीरपुर, सुमेरपुर, मौदाहा, खन्ना, कबरई, खरेला, चरखारी, पनवाड़ी, कुलपहाड़, श्रीनगर होते हुए महोबा में भव्य समापन होगा l उन्होंने सभी से करबद्ध निवेदन किया है कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में यात्रा से जुड़ें और अपने बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए बुन्देलखण्ड राज्य के निर्माण में भागीदार बने ।

यदि बुन्देलखण्ड राज्य बना तो –

1. बुन्देलखण्ड में 2200 से 2500 मेगावाट बिजली बनती है जो हमारी सम्पूर्ण खपत से काफी अधिक है। पृथक प्रान्त बनने से हमें पर्याप्त बिजली मिलेगी। बिजली की कोई भी अनियमित कटौती नहीं होगी। पर्याप्त जल विद्युत अपने संयंत्रों द्वारा पैदा की जायेगी जो बुन्देलखण्ड के लोगों को रोजगार देगी। पृथक प्रान्त बनने से बड़े-बड़े उद्योगपत्ति यहां पर उद्योग स्थापित करेंगे, जिससे हमारे यहाँ के बेरोजगारों को काम मिलेगा।

2. बुन्देलखण्ड राज्य बनने से पर्याप्त बिजली और सिंचाई हेतु पानी पाकर किसानों को अच्छी फसल प्राप्त होगी। खेती भी उद्योग की तरह विकसित हो सकेगी जो नौजवानों को आकर्षित करेगी।

3. बुन्देलखण्ड राज्य बनने से किसानों और मजदूरों का पलायन बन्द हो जायेगा। बुन्देलखण्ड से लगभग 68% पलायन की दर है, हमारे यहां के लोग रोजगार के अभाव में बड़े शहरों की तरफ चले गए है । बुन्देलखण्ड अलग राज्य बनने से चपरासी से लेकर उपजिलाधिकारी तक के तमाम पद रिक्त हो जायेंगे, जिनमें बुन्देलखण्ड के नौजवानों की भर्ती होगी। बुन्देलखण्ड राज्य बनने से अन्य छोटे राज्यों की तरह यहां की विकास दर बढ़ेगी, उत्पादन बढ़ेगा एवं नौकरियाँ ज्यादा और नौजवान कम पड़ जायेंगे।

4. बुन्देलखण्ड राज्य बनने से बार काउन्सिल ऑफ बुन्देलखण्ड एवं हाई कोर्ट बुन्देलखण्ड बनने से सैकड़ों अधिवक्ताओं को नोटरी तथा सैकड़ों विभागों और बैंकों के अधिवक्ता बनने का अवसर मिलेगा।

5. बुन्देलखण्ड राज्य बनने से पर्यटन और फिल्म उद्योग विकसित होगा तथा तीर्थ स्थलों का विकास होगा जिससे काम की सम्भावनायें बढ़ेंगी और हजारों नौजवानों को रोजगार मिलेगा।

6. बुन्देलखण्ड राज्य बनने से जब लगभग 160 विभार्गों के मुख्यालय बुन्देलखण्ड राज्य में स्थापित होंगे। नौजवानों को नौकरी मिलेंगी तब निश्चित ही बुन्देलखण्ड की तकदीर व तस्वीर बदल जायेंगी।

7. बुंदेलखण्ड राज्य बनने से बुन्देलखण्ड के विजेता खिलाड़ियों को राष्ट्रीय प्रतियोगिता में खेलने का अवसर प्राप्त होगा तथा उनके प्रमाण एव से उनको सरलता पूर्वक नौकरियां प्राप्त होगी।

३. बुन्देलखण्ड राज्य बनने से जल, जंगल, जमीन, नदियाँ और पहाड अवैध कटान से मुक्त हो जायेंगें, बुन्देलखण्ड राज्य के खनिज की रॉयल्टी से ही प्रदेश का विकास हो जायेगा।

9. राज्य सरकार की स्टैम्प ड्यूटी, रजिस्ट्री आदि के रूप में दिया जाने वाला राजस्व जो कि करोड़ों में होता है । हमें ही प्राप्त होगा और उसका उपयोग क्षेत्र के विकास में होगा।

10. स्कूलों को मान्यता प्रदान करने वाली संस्था बुन्देलखण्ड की होंगी, जिससे पर्याप्त संख्या में स्कूलों व कॉलेजों को मान्यता प्रदान की जायेगी।
11. प्राथमिक शिक्षा, माध्यमिक सेवा आयोग और उच्या शिक्षा सेवा आयोग के कार्यालय बुन्देलखण्ड में होंगे और इस प्रकार वे बुन्देलखण्ड शिक्षित बेरोजगारों के लिए रिक्तियों का निर्माण करेंगे।

उन्होंने इस आन्दोलन में सहयोग देने की अपील करते हुए स्पष्ट किया कि सभी के सहयोग से ही पृथक बुन्देलखण्ड राज्य बना सकेगा।