मानसून में सुचारु रेल संचालन हेतु झांसी मंडल ने कसी कमर
झांसी। मानसून के दौरान तेज बारिश, तूफान तथा बाढ़ इत्यादि की संभावनाओं को देखते हुए भारतीय रेल में प्रत्येक वर्ष मानसून के पूर्व तैयारियां की जाती हैं। इसी क्रम में झाँसी मंडल द्वारा मानसून के दौरान सुरक्षित ट्रेन संचालन हेतु व्यापक इंतजाम सुनिश्चित किए जा रहे है, और आवश्यक सुरक्षा उपायों को लागू किया जा रहा है। इन सक्रिय उपायों का उद्देश्य रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह के नुकसान से बचाना एवं यात्रियों को सुरक्षा सुनिश्चित करना और निर्बाध ट्रेन सेवाओं को बनाए रखना है। झाँसी मंडल में घाट खंडों पर विशेष जोर दिया गया है, ऐसी जगहों पर संभावित भू-स्खलन, मिटटी का कटाव आदि आवश्यकताओं पर त्वरित कार्यवाही हेतु मंडल में पर्याप्त मात्रा में वैगनों में मालवा एकत्रित कर तैयार रखा गया है । उत्तर मध्य रेल प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान रेलवे के बुनियादी ढांचे की सुरक्षा और अपने यात्रियों की भलाई के लिए प्रतिबद्ध है।
रेल प्रशासन ने अपने सभी कर्मियों को मानसून के दौरान संरक्षा को पहली प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। उन्होंने संबंधित इंजीनियरिंग अधिकारियों को बारिश, तूफान या मौसम को स्थिति में बदलाव के दौरान तैयार रहने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ निगरानी और समन्वय बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। संवेदनशील रेलखंडों में संबंधित अनुभाग इंजीनियरों द्वारा समीक्षा और निरीक्षण किया जा रहा है और ऐसे सभी स्थानों पर चौकीदार, पेट्रोल मैन तैनात किए गए हैं। इसके अतिरिक्त पटरियों की स्थिति की निगरानी के लिए पेट्रोलमैन द्वारा मानसून पेट्रोलिंग की जाएगी। मंडल में स्थित पुलियों और नालियों की सफाई का काम तेजी से किया जा रहा है। पानी के ठहराव को रोकने के लिए विशेष रूप से यार्डों में ट्रैक क्षेत्रों में जल निकासी सुचारु व्यवस्था से मलबे या कचरे को खत्म करने का प्रयास किया जा रहा है |
बारिश के दौरान ट्रेनों का संचालन निर्वाध रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए सभी नालियों को उपयुक्त ढलान के साथ एवं आउटलेट के साथ बनाया जा रहा है। अनावश्यक पेड़ों की शाखाओं की पहचान करने के लिए अधिकारियों द्वारा विद्युतीकृत क्षेत्रों का संयुक्त निरीक्षण किया जा रहा है |
मानसून के दौरान ओवरहेड उपकरण ओएचई, सिग्नल, ट्रैक, या किसी अन्य रेलवे प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और यातायात को बाधित कर सकते हैं। ट्रैक की सुरक्षा के लिए ऐसे पेड़ों की कटाई-छटाई प्रगति पर है।
मंडल में सफाई सुनिश्चित की जा रही है जिससे पानी की निकासी सुचारु रूप से हो सके एव मंडल में जहाँ जहाँ पर रेल लाइन ऊंचे पहाड़ों की कटिंग से होकर गुजरती हैए वहां पर ड्रेन क्लीनिंग का काम किया जा रहा है ताकि बारिश का पानी रेलवे ट्रैक पर न आ सके। इसी कड़ी में झाँसी मंडल के रेल खंड पर लम्बी और ऊंची कटिंगों में बनी नालियों की सफाई एवं इसके साथ ही कटिंगों में गिरे बड़े बड़े पत्थरों को भी हटाया जा रहा है,जिससे बारिश का पानी रेलवे ट्रैक पर न आकर आसानी से ट्रैक के किनारे बनी नालियों से होकर बह सके। इसके अतिरिक्त संवेदनशील पुलों के वास्तविक समय और प्रामाणिक जल स्तर को जानकारी के लिए जल स्तर निगरानी उपकरण लगाए गए है।
इसके अलावा संचार उपकरणों का रख रखाव के अंतर्गत सिंगनलिंग केबिल की मैगरिंग जैसे विविध कार्य किये जा रहे है। आपातकालीन संचार के लिए उनकी तत्परता सुनिश्चित करने के लिए वॉकी टॉकी सेट को अच्छी तरह से चार्ज स्थिति में रखना सुनिश्चित किया जा रहा है।
उत्तर मध्य रेल यात्रियों को सुरक्षित एवं सुगम यात्रा प्रदान करने, विशेषकर मानसून के दौरान ट्रेन परिचालन जारी रखने और निर्वाध सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। जिसके परिणामस्वरूप झाँसी मंडल द्वारा निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जा रही है और यात्रियों के लिए व्यवधान मुक्त यात्रा जारी रखने के लिए सभी प्रयास किये जा रहे है। मानसून और मौसम संबंधी अन्य चेतावनियों के दौरान आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के साथ निकट समन्वय बनाए रखना सुनिश्चित किया गया है।