व्यापारी घर बैठे कर सकेंगे आवेदन, शुल्क भी ऑनलाइन जमा होगा

झांसी। व्यापारियों की सुविधा के लिए विधिक माप विज्ञान (बांट माप) विभाग अब 6 सेवाएं ऑनलाइन प्रदान कर रहा है। अब व्यापारी घर / प्रतिष्ठान में बैठे ही बांट-माप तौल उपकरणों के सत्यापन, रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण आदि के लिए आवेदन कर सकते हैं और शुल्क भी ऑनलाइन जमा कर सकते हैं। विभाग की वेबसाइट पर लॉगिन आईडी और पासवर्ड बनाकर व्यापारी आवेदन कर सकते हैं। परीक्षण और मुद्रांकन शुल्क भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है। नए वित्तीय वर्ष से यह सुविधा शुरू हो गई है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के दौरान व्यापारी के मोबाइल पर ओटीपी आएगा। ओटीपी डालने के बाद पंजीकरण पूरा हो जाएगा।

इन सेवाओं के ऑनलाइन होने से सत्यापन, रजिस्ट्रेशन, नवीनीकरण कहीं से भी करा सकते है। इसके लिए बस उन्हें विभाग की लीगल मेट्रोलॉजी पोर्टल पर ऑनलाइन जाकर सारी प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद रजिस्ट्रेशन हो जाएगा। गौरतलब है कि पेट्रोल पंप, धर्मकांटा, तौल कांटा, इलेक्ट्रानिक वेइंग मशीन आदि का संचालन करने वाले लोगों को विभाग में रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होता है। इसके अलावा पुराने तराजू, इलेक्ट्रानिक कांटा आदि में जिनमें बांट का इस्तेमाल होता है, उनमें भी समय- समय पर स्टैंपिंग (मुहर ) विभाग के आफिस में ही की जाती है, अब तक की व्यवस्था के अनुसार इन सभी कार्यों के लिए संबंधित कारोबारियों को बाट माप विभाग के दफ्तर जाना पड़ता था, जहां लंबी सरकारी प्रक्रिया में कभी-कभी काफी समय भी लग जाता था,ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने से दुकानदारों को अच्छी सेवा मिल सकेगी।

वरिष्ठ निरीक्षक विधि माप विज्ञान (बांट तथा माप) दयाचन्द गुप्ता ने बताया कि व्यापारी वर्ग अब विधिक माप विज्ञान पोर्टल पर सत्यापन / मुद्रांकन हेतु रजिस्ट्रेशन करवा कर सत्यापन प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। www legal metrology-UP. gov.in पर पूर्व में 06 सेवाएं www.les आनलाइन उपलब्ध थी। इनमें अब 50kg के ऊपर की इलेक्ट्रॉनिक्स तौल मशीनों को सम्मलित करते हुए सुत्यापन की प्रक्रिया हेतु आवेदन आन लाइन किया जा सकता है। आवेदन की प्रक्रिया को O.T.P. के माध्यम से सरल और सुरक्षित बनाया गया है। व्यापारी स्वयं आवेदन करने के पश्चात उपकरणों के सत्यापन / मुद्रांकन के बाद सत्यापन प्रमाणपत्र Online ही प्राप्त कर सकते हैं।

इस सम्बन्ध में व्यापार मण्डल के पदाधिकारियों अरुण राय (अध्यक्ष) व अन्य व्यापारियों के साथ मीटिंग कर उन्हें भी विस्तार से अवगत कराया जा चुका है। साथ ही जनसेवा केन्द्रों को कभी online पोर्टल के सम्बन्ध में व्यापक चर्चा कर व्यापारियों को जागरूक करने हेतु सहयोग मांगा गया है।