“आपरेशन सिंदूर ” विश्व पटल पर भारत की सेना की ताकत का शंखनाद
झांसी ! ” हमेशा तैयार : हमेशा विजयी “के संकल्प के साथ सज हमारी सेना ने पहलगाम की ना भूलने वाली घटना का जिस तरह से बदला लिया , उसने विश्व पटल पर ” भारत”की असीम ताक़त का एहसास कराया। एक तरह से ऑपरेशन सिंदूर को हम विश्व पटल पर भारत की ताक़त के शंखनाद के रूप में देख सकते हैं, को लेकर पत्रकार भवन सभागार में वूमेन पावर ऑफ बुंदेलखंड एवं यूनाइटेड बुंदेलखंड न्यूज पेपर्स एसोसिएशन के संयुक्त तत्वाधान में ऑपरेशन सिंदूर पर संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि पुलिस उप महानिरीक्षक, झांसी परिक्षेत्र केशव कुमार चौधरी ने कहा कि पहलगाम हमला, एक तरह से भारत के लोगों की स्वतंत्रता, सभ्यता और मानवता पर हमला है, जो बर्दाश्त से बाहर है हम सभी के लिए ! भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत जो जबाव दिया आतंकी समूह को, वह जारी रहेगा, तब तक ; जब तक आतंकवाद का पूर्ण सफ़ाया नहीं हो जाता है ! वर्तमान सदी में आतंकवाद का उदय होना, वास्तव में सम्पूर्ण समाज के लिए एक गंभीर खतरा है , जिसके खात्मे के लिए ” दमन” की आवश्यकता है ! भारतीय ज़मीन पर कोई भी आक्रांता, फिर चाहे वह किसी भी धर्म का हो, ; अगर प्रहार करता है, चाहें वह प्रहार सांस्कृतिक हो या सामाजिक; सामरिक हो या देश की एकता को तोड़ने हेतु प्रहार हो… तो भारत उनके इन प्रहारों का प्रतिकार कर प्रतिघात करेगा !
अध्यक्षता करते हुए सेवानिवृत सीनियर आई ए एस डॉ. पी. के. अग्रवाल ने कहा कि देश के आम लोगों की सुरक्षा, सम्मान हमेशा बना रहे, इसके प्रति हम सभी प्रतिबद्ध हैं, साथ ही सिर्फ एक उद्देश्य मन में, कि भारत व भारत के लोगों का सम्मान पहली प्राथमिकता ! सिंधु जल ऑर्टिकल 62 है , उस पर गंभीरता से चिंतन करना होगा और इसका निराकरण भारत सरकार को करना होगा !
प्रारम्भ में मुख्य संयोजिका साज़िया ख़ान द्वारा अतिथियों सहित वक्ताओं आदि का स्वागत करते हुए कहा कि हमारे वीर जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर के उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अदम्य साहस का जो परिचय दिया ; उसने विश्व पटल पर भारत की सैन्य ताक़त को एक नई पहचान दी और सम्पूर्ण विश्व के राष्ट्रों ने एक नया उभरता हुआ भारत देखा ! गर्व है हम सभी भारतीयों को अपनी भारतीय सेना पर जिन्होंने आतंकियों के एक बड़े समूह का नाश करते उनके आकाओं को अहसास कराया कि भारत की ओर कुदृष्टि डालने का अंजाम क्या होता है!
संगोष्ठी को मुफ्ती साबिर अंसारी ( शहर काज़ी ) , मदन लाल बबेले ( उपाध्यक्ष , पत्रकार भवन ) , डॉ. रोहित पांडे , डॉ. सुनील तिवारी ( वरिष्ठ साहित्यकार ) , जितेंद्र प्रजापति ( वरिष्ठ अधिवक्ता) ,प्रोफेसर पुनीत विसारिया ( आचार्य : हिंदी विभाग , बी. यू . ) , संजीव दुबे ( वरिष्ठ कवि) , जब्बार शारिब ( वरिष्ठ शायर) देवेन्द्र नटखट ( हास्य कवि) , ए. के. हिंगवासिया (सेवानिवृत पुलिस अधिकारी ) , वैभव दुबे ( गीतकार) , हरिकृष्ण चतुर्वेदी (प्रवक्ता, पत्रकार भवन ), डॉ विशाल यादव (एन. सी. सी. ऑफिसर) , जुगल किशोर कुशवाहा ( वरिष्ठ अधिवक्ता) , डॉ. विजय कुमार यादव ( एन. सी. सी. ऑफिसर ), हरि प्रकाश सिंह परिहार ( लोको पायलट) , रामकुमार खरे ( वरिष्ठ अधिवक्ता) , अर्जुन सिंह चांद ( वरिष्ठ साहित्यकार) , शीतल तिवारी ( अध्यक्ष , बुंदेलखंड प्रेस वेलफेयर सोसाइटी) , रविन्द्र सिंह गौर ( दैनिक भास्कर, छतरपुर) , दीप चंद्र चौबे ( ब्यूरो चीफ, प्रदेश वॉच) , पुरुषोत्तम स्वामी ( वरिष्ठ समाजसेवी) , गोकुल दुबे ( वरिष्ठ समाजसेवी) , राजेश तिवारी मक्खन ( वरिष्ठ कवि) , अतुल कल्पन , सुदर्शन शिवहरे, लक्ष्मण प्रसाद शर्मा ( वरिष्ठ अधिवक्ता ) , मुकेश सिंघल ( वरिष्ठ अधिवक्ता) , इंजीनियर मयंक श्रीवास्तव ( सभासद) आदि ने ऑपरेशन सिंदूर पर विचार व्यक्त किए !
संगोष्ठी में अब्दुल कदीर खान ,धीरेन्द्र यादव , अभय स्वरूप श्रीवास्तव , रवीश त्रिपाठी, हनीफ खान , मनमोहन भटनागर , प्रदीप श्रीवास्तव , ओ एस भटनागर, एम खान प्रेस फोटोग्राफर, हरिकृष्ण सक्सेना, बबलू प्रेस फोटोग्राफर , अंकुर अगवाल, संतोष श्रृंगीऋषि , सुरेंद्र प्रताप श्रीवास्तव , संजीव त्रिपाठी ,डॉ मोहम्मद नईम , इंजीनियर आर के गुप्ता , योगेन्द्र कुमार शर्मा , संतोष खरे दोन , गौरव तिवारी , हाजी शाहनवाज चौधरी , दिनेश भार्गव , सुरेंद्र श्रृंगीऋषि , फिरोज खान , गौरव त्रिपाठी , बंटी कश्यप , दिनेश वर्मा , प्रदीप वर्मा , अब्राहम दास बाबू , बॉबी छावला, लकी नामदेव आदि उपस्थित रहे ! संगोष्ठी का संचालन संयुक्त रूप से सुरेंद्र सक्सेना व जेनुअल आब्दीन ने किया। अंत में व्यंग्यकार देवेन्द्र भारद्वाज ने आभार व्यक्त किया !