झांसी। बाल कल्याण समिति द्वारा रेलवे बाल सहायता केंद्र का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में समिति को बाल सहायता केंद्र में रेलवे चाइल्ड लाइन समन्वयक विलाल उल हक, काउंसलर भारती गहलोत, टीम सदस्य रेखा, राखी यादव, श्वेता वर्मा, अलोक कुमार, ललित कुमार उपस्थित पाये गये। निरीक्षण के दौरान समस्त दस्तावेजों को देखा गया व स्टाफ का 24 घण्टों का शिफट चाट चैक किया गया। इसमें टीम सदस्य गोविन्द कुमार, हेमलता, संदीप सिंह, रूपा गौतम के नाइट शिफट में उपस्थित होने की जानकारी दी गई। ब’चों को दी जाने वाली सुविधाओं व उनके साथ होने वाले व्यवहार के बारे में जानकारी ली गयी। साफ सफ ाई की गुणवत्ता, ब’चों की ठहरने की व्यवस्था के बारे में समन्वयक बिलाल उल हक ने बाल सहायता केंद्र से जुड़ी समस्या का साझा करते हुए बतया कि झांसी में कोई शैल्टर होम न होने के कारण उन लोगों को दस वर्ष से ऊपर के बालक / बालिकाओं को अपने पास रेलवे बोर्ड द्वारा प्राप्त केबिन में ही रखना पड़ता है। उन्होंने बताया कि आशा ‘योति केन्द्र से कोई भी सहयोग प्राप्त नहीं होती है। इस केन्द्र द्वारा साफ तौर पर किसी भी बालिका को लेने से मना कर दिया जाता है । जिससे काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके साथ ही बाल कल्याण समिति को रेलवे के सम्पर्क में आए ब’चों की देखभाल और उनका संरक्षण सुनिश्चित करने हेतु रेलवे के लिए मानक प्रचालन प्रक्रिया के विषय में जानकारी दी। समिति द्वारा रेलवे चाइल्ड लाइन के कार्य की सराहना की। इस मौके पर बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष/सदस्य न्यायिक मजिस्ट्रेट अनिल कुमार, राजीव लोचन मिश्रा, मो0 आबिद खान, राजीव लोचन मिश्रा उपस्थित रहे।