ओएस की रहस्यमय चुप्पी, छुट्टी पर भेजे गए, पुलिस कर रही आरोपों की जांच
झांसी। डीआरएम कार्यालय/वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी ने अपने ही अधिकारी कार्यालय अधीक्षक (ओएस) की सेवा निवृत्ति के छह दिन पूर्व ही धुनाई कर दी और स्टाफ तमाशबीन बना रहा। इतना ही नहीं इस मामले में ओएस ने भी कोई एक्शन नहीं लिया। उनकी रहस्यमय चुप्पी ने सवाल खड़े कर दिए हैं वहीं हमला करने वाली महिला ने ओएस पर कार्यालय व घर में बलात्कार के आरोप लगा कर सनसनी फैला दी है।
दरअसल, गुरुवार को दोपहर डीआरएम कार्यालय/वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय में ओएस सहित स्टाफ अपने अपने काम में मशगूल था तभी अचानक कार्यालय की एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मी ने गंभीर आरोप लगाते हुए ओएस की धुनाई कर दी। इस पर सनसनी फ़ैल गई और वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक की सूचना पर मौके पर पहुंची आरपीएफ टीम आरोपी महिला कर्मी को अपने साथ ले गई। बताया गया है कि इसके पूर्व भी आरोपी महिला कर्मी ओएस की बेइज्जती कर चुकी है। तब ओएस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की थी। गुरुवार की घटना के बाद ओएस को अवकाश पर भेज दिया गया है।
आरोपी महिला रेलकर्मी का आरोप था कि कार्यालय अधीक्षक ने नौकरी के बदले उसे खुश करने की शर्त रखी और कई बार कार्यालय तथा घर में उसके साथ बलात्कार किया। जब महिला ने इसका विरोध किया और मामला दर्ज कराया, तो उसे और उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी दी गई।
पीड़ित महिला ने अपने शिकायती पत्र में बताया कि उसके पति की मृत्यु के बाद उसे अनुकंपा नियुक्ति के तहत चार साल पहले चपरासी के पद पर डीआरएम कार्यालय, झांसी में नियुक्त किया गया था। पहले एक साल तक सब कुछ सामान्य रहा, लेकिन उसके बाद कार्यालय अधीक्षक ने उसे परेशान करना शुरू कर दिया।
महिला का आरोप है कि अधीक्षक ने उसे कई बार देर रात तक ऑफिस में रोककर छेड़छाड़ की। वह अक्सर कहता था कि “अगर नौकरी करनी है, तो मुझे खुश करना होगा।”
शिकायत में महिला ने आरोप लगाया है कि अधीक्षक ने उसे ब्लैकमेल कर कार्यालय में ही कई बार दुष्कर्म किया और बाद में उसके घर आकर भी जबरन संबंध बनाए। जब महिला ने विरोध किया, तो उसे और उसके बच्चों को जान से मारने की धमकी दी गई। महिला के अनुसार, आरोपी अधिकारी ने कहा, “मैं जुलाई में रिटायर हो रहा हूं, लेकिन उसके बाद भी मुझे खुश रखना होगा, वरना पूरे परिवार को खत्म कर दूंगा।”
पीड़िता ने प्रेमनगर थाने और रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायती पत्र सौंपा है। उसमें स्पष्ट कहा है कि यदि उसे न्याय नहीं मिला, तो वह आत्महत्या करने को मजबूर होगी। फिलहाल इस मामले की पुलिस द्वारा जांच की जा रही है।