मुंशी प्रेमचंद सम्मान से सम्मानित हुए आरिफ शहड़ोली
झांसी । बुन्देलखण्ड साहित्य कला अकादमी झाँसी ने कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 145वीं जयंती पर मुंशी प्रेमचंद के कथा साहित्य की वर्तमान में प्रासंगिकता विषयक एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन अकादमी की अध्यक्षा डॉ० कुंती हरीराम के संयोजन में किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अजय कुमार श्रीवास्तवा ‘अजेय’, मुख्य कारखाना प्रबधंक रेलवे झांसी ने कहा कि प्रेमचंद का कथा साहित्य हर घर की टेबल पर होना चाहिए ताकि आज के बच्चे ग्रामीण भारत के यथार्थ से परिचित हो सकें। मुख्य वक्त प्रोफेसर पुनीत बिसारिया, प्रसिद्ध समीक्षक, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष बुंदेलखंड विश्वविद्यालय ने कहा कि प्रेमचंद के साहित्य की प्रासंगिकता समाप्त होनी चाहिए यानी प्रेमचंद के साहित्य में जो समस्याओं का चित्रण मिलता है, उसका समाधान हो जाना चाहिए।
दूरदर्शन मुंबई के पूर्व निदेशक मुकेश नारायण सक्सेना ‘बच्चन’ ने अध्यक्षता की। उनके निर्देशन में नगोदान पर आधारित नाटक का मंचन हुआ। फिल्म अभिनेता, रंगकर्मी, कथाकार आरिफ शहड़ोली को कथा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान हेतु मुंशी प्रेमचंद सम्मान 2025 से सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर डॉ० रामशंकर भारती, साकेत सुमन चतुर्वेदी, प्रेमकुमार गौतम, डॉ० मुहम्मद नईम, कुशराज किसानवादी, रिपुसूदन नामदेव, लक्ष्मी नारायण शर्मा, अजय दुबे, सुमन मिश्रा, अजय साहू, डॉ० अजय गुप्ता, डॉ० सुनीता वर्मा, कामिनी बघेल, शशि गुप्ता, साधना वर्मा, माताप्रसाद शाक्य, प्रिंसी, पवन कुशवाहा इत्यादि उपस्थित रहे। आफाक अहमद ने संचालन और अकादमी के सचिव एस० पी० सिंह ‘सत्यार्थी’ ने आभार व्यक्त किया।